G20: दो दिन वैश्विक राजधानी बनी रहेगी दिल्ली; मेहमानों के स्वागत के लिए दुल्हन सी सजी दिल्ली,विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के स्वागत के लिए तैयार इंद्रप्रस्थ
दिल्ली- भारत की जी20 की अध्यक्षता में कई नई पहल हुई हैं और उपलब्धियां हासिल की गयी हैं. देश दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए तैयार है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भारत ने जी20 विदेश मंत्रियों की वार्षिक बैठक में पूरी तरह से बातचीत के जरिए स्वीकृत जी20 विदेश मंत्री परिणाम दस्तावेज और अध्यक्ष सारांश (एफएमएम ओडीसीएस) पेश करने वाला पहला देश बनकर अग्रणी भूमिका निभाई. इस व्यापक दस्तावेज में सदस्य देशों से संबंधित महत्वपूर्ण थीम रेखांकित की गयी हैं जिनमें बहुपक्षवाद को मजबूत करना, आतंकवाद का मुकाबला करना और वैश्विक स्वास्थ्य चिंताओं पर ध्यान देना शामिल है.
भारत की अध्यक्षता में उद्घाटनसम्मेलन के रूप में ‘वॉइस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट’ की मेजबानी की गयी। उन्होंने कहा कि दो दिन में 10 सत्रों में 125 देशों की सहभागिता के साथ इस ऐतिहासिक आयोजन ने उन्हें विकासशील देशों की चिंताओं, विचारों, चुनौतियों और प्राथमिकताओं पर बात करने का मंच मुहैया कराया। इसी तरह कृषि प्रमुख वैज्ञानिकों की जी20 बैठक, जी20 की डिजिटल अर्थव्यवस्था मंत्रियों की बैठक और अन्य बैठकें भी हुईं.
जी-20 के आयोजन पर 10 करोड़ डॉलर से अधिक का खर्च आने का अनुमान है. देश के 50 से अधिक शहरों में जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले क़रीब 200 बैठकों का आयोजन हुआ. इनमें योग, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा ख़ास तौर पर तैयार खाने का मेन्यू शामिल रहा. राजधानी दिल्ली को देश में सालों में एक बार होने वाले ऐसे हाई-प्रोफाइल आयोजन के लिए तैयार किया गया है. शहर में चारों ओर शानदार फव्वारे, फूल के गमले और राष्ट्रीज ध्वज लगाए गए हैं. शहर के दर्जनों ऐतिहासिक स्मारकों को रोशन किया गया है. इनमें जी-20 का लोगो भी प्रमुखता से प्रदर्शित है.
सरकार ने दिल्ली में तीन दिन के लिए छुट्टी की घोषणा की है. इस दौरान अधिकांश स्कूल और दफ्तर बंद रहेंगे. कुछ सड़कों पर यातायात भी रोक दिया गया है. सम्मेलन से पहले हज़ारों सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. इनके अलावा सैकड़ों उड़ानों और ट्रेन को कैंसिल कर दिया गया है. बता दें भारत ने कभी भी एक साथ इतने अंतरराष्ट्रीय नेताओं की मेज़बानी नहीं की है.
बहलहाल भारत विदेशी मामलों और घरेलू राजनीति के बीच की रेखा को धुंधला करने की कोशिश कर रहा है. जी20 इसे हासिल करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण मंच है. सरकार को इस बात का अहसास है.