अनोखी शादी का गवाह बना गया का विष्णुपद मंदिर, दिव्यांग गोपाल ने किया दृष्टिविहीन पिंकी से विवाह

GAYA : शहर की दृष्टि बाधित पिंकी और महाराष्ट्र नागपुर के गोपाल देर रात परिणय सूत्र में बंध गए. विष्णुपद मंदिर प्रांगण में इन दोनों की शादी वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कराई गई. ब्राह्मणों ने शादी के मंडप में गणेश आवाहन, पंच देवता आवाहन के साथ ही स्वस्तिवाचन से इस नव दंपति को आशीर्वाद दिया. 

इस शादी की सबसे बड़ी खासियत यह रही की पिंकी का दूल्हा गोपाल सात जन्म तक साथ निभाना का वादा करने के लिए गया से 1200 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र, नागपुर से चलकर पहुंचा था. शादी के समय दोनों ही दिव्यांग काफी प्रसन्न नजर आए. 

शादी समारोह के सबसे आखिर में गोपाल ने पिंकी की मांग में जैसे ही सुहाग का सिंदूर भरा. वहां उपस्थित लोगों ने विष्णु भगवान, माता लक्ष्मी और भोले शंकर के जयकारे किए. राजा रामचन्द्र की जय से विष्णुपद मंदिर गूंज उठा. इन दोनों को मांगलिक आशीर्वाद देने के लिए वर और वधु दोनों ही पक्ष से स्वजनों की भीड़ जुटी थी. गोपाल के माता-पिता, नाना, फूफा, व अन्य छह लोग बाराती बनकर आए तो पिंकी की विधवा मां रेनू देवी का हौसला बढ़ाने के लिए उनकी नानी, भाभी व अन्य परिवार शामिल होने आए थे. 

इस शादी को लेकर शहर में पिछले कई दिनों से चर्चा हो रही थी. सभी पिंकी की शादी में शुभकामनाएं देते दिखे. शादी समारोह में कन्या विवाह सोसाइटी के लोगों ने आगे आकर काफी सहयोग किया. दुल्हन को उपहार देकर विदाई दी गई. 

गया से मनोज कुमार की रिपोर्ट