बिहार में चौथे चरण में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर,दो केन्द्रीय मंत्रियों और जदयू के कद्दावर नेता की ‘साख’ बचाने की चुनौती

बिहार में चौथे चरण में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर,दो केन्द्रीय मंत्रियों और जदयू के कद्दावर नेता की ‘साख’ बचाने की चुनौती

पटना- चौथे चरण में बिहार के दरभंगा, बेगूसराय, मुंगेर, समस्तीपुर और उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र के वोटर्स 13 मई को अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए संसद के लिए अपना प्रतिनिधि चुनेंगे.   चौथे चरण में कई दिग्गजों की प्रतिष्टा दांव पर लगी है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय लमेत कई नेताों की प्रतिष्ठा दांव पर है. बेगूसराय सीट सबसे हॉट सीट मानी जा रही है. इस सीट पर एनडीए के गिरिराज सिंह और इंडी गठबंधन के अवधेश राय के बीच सीधा मुकाबला है.  गिरिराज के सामने इस किले को बचाए रखना एक बार फिर से चुनौती है.

दरभंगा, बेगूसराय और उजियारपुर लोकसभा सीट पर भाजपा के सामने अपनी जीत बरकरार रखने की चुनौती है, वहीं मुंगेर से जदयू के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह को किला बचाए रखना प्रतिष्ठा का प्रश्‍न बन गया है. पिछले चुनाव में यहां से ललन सिंह ने बड़ी जीत हासिल की थी. उसके पहले 2014 में भी यह सीट एनडीए के कब्जे में थी. तब लोजपा के टिकट पर वीणा देवी को यहां से जीत मिली थी. इस चुनाव में ललन सिंह का मुकाबला राजद की अनिता देवी से है. 

समस्तीपुर सीट भी एनडीए के लिए प्रतिष्ठा की सीट बनी हुई है.समस्तीपुर में इस बार लोजपा (रा) ने शांभवी चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है. यहां से सरकार के दो मंत्री के बेटी-बेटा आमने सामने हैं.  .

दरभंगा लोकसभा क्षेत्र से भी 2014 और 2019 के आम चुनाव में भाजपा की जीत मिली. 2014 के चुनाव में यहां से भाजपा के कीर्ति आजाद ने परचम लहराया तो 2019 में गोपालजी ठाकुर विजयी रहे. इस चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर गोपालजी ठाकुर पर दांव लगाया है. ठाकुर का मुख्य मुकाबला राजद के ललित यादव से है.

उजियारपुर सीट से 2014 में भाजपा के टिकट पर यहां से नित्यानंद राय जीते थे. इस बार भी भाजपा ने फिर से नित्यानंद राय को मैदान में उतारा है, जहां उनका मुकाबला राजद के आलोक मेहता से है.


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