मणिपुर का हालात जानने रवाना हुए जदयू और राजद के सांसद, पीएम मोदी की चुप्पी पर ललन सिंह और मनोज झा भड़के

पटना/नई दिल्ली. हिंसाग्रस्त मणिपुर की जमीनी स्थिति का जायजा लेने I.N.D.I.A के शामिल राजनीतिक दलों सांसदों का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को मणिपुर के लिए रवाना हुआ. नई दिल्ली में मणिपुर रवाना होने के पहले जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि हम मणिपुर के लोगों से मिलेंगे. राज्य कई महीनों से जल रहा है और वहां शांति बहाल करने की जरूरत है। 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर को छोड़कर सभी मुद्दों पर बोल रहे हैं।' ऐसे में विपक्षी दलों का यह समूह अगले दो दिनों तक वहां के लोगों से मिलकर स्थिति का आकलन करेगा.

विपक्षी प्रतिनिधिमंडल में शामिल राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि मणिपुर को सुनने की ज़रूरत है. हम मणिपुर के लोगों को सुनने और उनकी स्थिति को समझने की कोशिश कर रहे हैं. हम सभी समुदायों के लोगों को सुनने की कोशिश करेंगे। यह हमारा एकमात्र उद्देश्य है । उन्होंने केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार की चुप्पी को बेहद निराशाजनक बताया. 

वहीं कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति न करें.अभी तक पीएम ने मणिपुर जाने की कोशिश भी नहीं की है. अब विपक्ष के झटके के बाद केंद्र जाग गया है। शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि मणिपुर पिछले 75 दिनों से जल रहा है. राज्य में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और मौतों से देश की छवि ही खराब होगी। ऐसे में सरकार को कुछ कार्रवाई करनी चाहिए थी.

प्रतिनिधिमंडल में शामिल सभी 21 सांसद दो दिनों तक मणिपुर में रहेंगे और वहां के लोगों से मिलकर उनकी चिंताओं को जानेंगे. साथ ही मणिपुर की भाजपा सरकार द्वारा वहां स्थिति को सुधारने में नाकाफी रहने के कारणों को भी जानेंगे. प्रतिनिधिमंडल मणिपुर के उन लोगों से भी मिलेगा जिन्होंने हिंसा में अपना बहुत कुछ खोया है. बाद में संसद के मानसून सत्र के दौरान विपक्षी दल इस लेकर  मोदी सरकार से संसद में सवाल करेंगे.