खोये अस्तित्व को पुनर्जीवित कर रही जूट नगरी, कटिहार की राखियाँ अब देश भर के भाइयों की कलाई पर सजेगी
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KATIHAR: कभी जुट नगरी के रूप में पहचान रखने वाले कटिहार एक बार फिर जुट के मामले में अपने अस्तित्व कायम करने की कोशिश कर रहा है और इसके लिए राखी से पहले बाज़ारों तक कई आकर्षक सामानों के साथ साथ खास कर जुट से बनी राखी देश भर के बाज़ारों तक पहुंचने का प्रयास कर रहा है। दरअसल, जुट नगरी की पहचान रखने वाला कटिहार में दो-दो जुट मिल बंद होते ही जुट नगरी की पहचान धूमिल हो गया था।
मगर अब एक बार फिर केंद्र सरकार की संस्था इंडियन काउंसिल ऑफ़ एग्रीकल्चर रिसर्च (ICAR) और बिहार सरकार की कृषि आधारित संस्था आत्मा ने मिलकर कोलकाता से आए मास्टर ट्रेनर के माध्यम से बड़ी संख्या में युवक-युवतियों को जुट से आकर्षक ढंग के खिलौना, घर सजाने का सामान के साथ-साथ राखी बनाने का प्रशिक्षण दे रहे है।
ट्रेनर की मानें तो कटिहार के युवा इस हुनर को सीखने के लिए बेहद उत्साहित हैं। बिहार सरकार की कृषि आधारित संस्था आत्मा के अधिकारी कहते हैं कि एक बार फिर से कटिहार को पूरे देश में जुट नगरी के रूप में स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर इस तरह का पहल कर रहे हैं। वहीं ट्रेनिंग ले रही महिला इस ट्रैनिंग से काफी खुश दिख रही है और इस राखी में अपने भाइयों के कलाई में जुट से बने राखी इस्तेमाल करने की बात कह रही हैं।
कटिहार से श्याम की रिपोर्ट