डेंगू से उबरते ही ललन सिंह पहुंचे जदयू ऑफिस, अमित शाह के बिहार दौरे के एक दिन पहले राज्य में सियासी हलचल तेज

पटना. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह शुक्रवार को पांच दिनों के बाद पटना स्थित जदयू ऑफिस पहुंचे. उनका जदयू कार्यालय आना इसलिए महत्वपूर्ण रहा क्योंकि पिछले सप्ताह वे डेंगू से ग्रसित हो गए थे. डेंगू पीड़ित होने के कारण ही ललन सिंह ने दिल्ली में इंडिया गठबंधन की कोर्डिनेशन कमेटी से भी दूरी बनाई थी जिसकी पहली बैठक 13 सितम्बर को हुई. ललन सिंह अब डेंगू से उबरने के बाद फिर से सार्वजनिक कार्यक्रम में सक्रिय दिखे और जदयू कार्यालय पहुंचकर उन्होंने पार्टी नेताओं से मुलाकात की. 

दरअसल, बिहार में इन दिनों सियासी तल्खी का दौर चरम पर है. भाजपा की ओर से राज्य की नीतीश सरकार को लगातार विभिन्न मुद्दों पर घेरने की कोशिश की जाती है. वहीं 16 सितम्बर को एक बार फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार आ रहे हैं. वे झंझारपुर में एक जनसभा को संबोधित करेंगे. शाह के बिहार दौरे को लेकर राज्य में सियासी हलचल तेज है. अमित शाह का पिछला बिहार दौरा जून में हुआ था. तब वे ललन सिंह के संसदीय क्षेत्र मुंगेर में लखीसराय गए थे. अब दो महीने बाद फिर से अमित शाह का बिहार आगमन हो रहा है. शाह के दौरे को सफल बनाने के लिए बड़े स्तर पर भाजपा की ओर से तैयारी की गई है. 


ऐसे में अमित शाह के बिहार दौरे के एक दिन पहले फिर से ललन सिंह का सक्रिय होना एक बड़े राजनीतिक संकेत के रूप में देखा जा रहा है. इन दिनों जदयू की ओर से बिहार में में भाजपा के खिलाफ पोल खोल अभियान चलाया जा रहा है. जातीय गणना को रोकने का भाजपा पर आरोप लगाते हुए आए भाजपा के चेहरे को बेनकाब करने की बातें करते हुए जदयू ने पोल खोल अभियान के तहत 1 से 5 सितम्बर तक हर जिला मुख्यालय, 7 से 12 सितम्बर तक हर प्रखंड मुख्यालय में मशाल जुलूस व कैंडल मार्च निकालकर अभियान चलाया. वहीं पार्टी ने कहा था कि 15 से 20 सितम्बर तक सभी लोग अपने घरों के ऊपर काला झंडा लगाकर भाजपा का विरोध करेंगे. 

एक ओर जदयू जहाँ बिहार में भाजपा के खिलाफ पोल खोल अभियान चलाए हैं, वहीं दूसरी ओर अमित शाह का अब बिहार दौरा दोनों दलों के बीच सियासी तकरार को और ज्यादा तेज कर रहा है. इन सबके बीच ललन सिंह का डेंगू से उबरकर फिर से सक्रिय होना भाजपा के खिलाफ चलाए जा रहे जदयू के अभियान को और ज्यादा धार दे सकता है. साथ ही इंडिया गठबंधन के कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाली बैठकों में भी अब ललन सिंह जा सकते है.