Bihar News - फैंसी नंबर प्लेट के लिए जमकर पैसे खर्च कर रहे हैं बिहार के लोग, एक साल में सरकार को हुई इतने करोड़ की कमाई
Bihar News - बिहार में गाड़ियों में फैंसी नंबर लगाने का फैशन तेजी से बढ़ा है। सिर्फ एक साल में 20 करोड़ से ज्यादा की कमाई सरकार को हुई है।

Patna - बिहार की गिनती देश के सबसे गरीब राज्यों में होती है। लेकिन यह बीते दिनों की बात हो गई है। अब यहां न सिर्फ खाने-पीने,कपड़ों पर लोग जमकर पैसे खर्च कर रहे हैं. बल्कि गाड़ियों के नंबर को लेकर सजग हो गए है। अब गाड़ियों का नंबर प्लेट क्या होगा। इसका भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। यही कारण है खास नंबर हासिल करने के लिए लोग लाखों रुपए खर्च करने के लिए तैयार हैं। परिवहन विभाग की मानें तो बीते एक साल में खास नंबर बेचकर सरकार ने 23 करोड़ से ज्यादा की आय प्राप्त की है.
एक साल में 23 करोड़ की कमाई
लोग अपनी गाड़ियों में 001, 007, 9999 जैसे फैंसी नंबर प्लेट के लिए लोग मोटी राशि खर्च कर रहे हैं। राज्य में पिछले एक साल में (एक अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 के बीच) 14 हजार 721 वाहन मालिकों ने फैंसी नंबर प्लेट लगाई, जिससे 23 करोड़ 91 लाख रुपये की आय विभाग को हुई।
पटना में नौ करोड़ के बेचे नंबर
गाड़ियों के फैंसी नंबर लगानेवालों में पटना के लोग सबसे आगे हैं। पिछले एक साल में पटना जिले में पांच हजार 709 लोगों ने अपने वाहनों के लिए फैंसी नंबर प्लेट लगाई। इसके लिए सरकार को नौ करोड़ 47 लाख रुपये जमा कराए गए। वहीं पटना के बाद मुजफ्फरपुर में फैंसी नंबर की मांग अधिक है। यहां एक हजार 230 वाहन मालिकों ने फैंसी नंबर के लिए करीब एक करोड़ 88 लाख रुपये खर्च किए।
तीसरे स्थान पर गया के 921 वाहन मालिकों ने एक करोड़ 35 लाख रुपये, पूर्णिया के 627 वाहन मालिकों ने करीब एक करोड़ 15 लाख रुपये अदा कर फैंसी नंबर प्लेट लिया है। वहीं, सबसे कम शिवहर जिले से सिर्फ 10 वाहन मालिकों ने ढाई लाख रुपये और अरवल जिले से 12 वाहनों के मालिक ने करीब दो लाख रुपये फैंसी नंबर प्लेट पर खर्च किए हैं।
35 हजार से एक लाख रुपए कीमत
पसंदीदा नंबर प्लेट चुनने के लिए वाहन मालिकों को विशेष शुल्क देना पड़ता है। इसके तहत नंबर प्लेट को पांच (ए, बी, सी, डी और ई) समूहों में बांटकर प्रत्येक समूह के लिए विशेष शुल्क निर्धारित किया गया है। इसमें ए समूह के सुरक्षित नंबर 0001, 0003, 0005, 0007, 0009 के लिए गैर- परिवहन गाड़ियों से एक लाख रुपये और और परिवहन गाड़ियों के लिए 35 हजार रुपये शुल्क निर्धारित है।
ई-नीलामी में लगा सकते हैं बोली
इसके लिए ई-नीलामी की व्यवस्था भी है। अगर किसी एक सिंगल डिजिट नंबर प्लेट जैसे- 0001, 9999 नंबरों को लेने के लिए एक से अधिक लोग इच्छा जाहिर करते हैं, तो इसके लिए बोली लगती है। इसमें सबसे अधिक राशि की बोली लगाने वाले वाहन मालिक को पसंदीदा नंबर दे दिया जाता है। इसके विपरीत चालू सिरीज में मनपसंद फैंसी नंबर ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर आनलाईन माध्यम से निर्धारित शुल्क जमा करने पर आवंटित किया जाता है।
क्या कहती हैं परिवहन मंत्री
परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने बताया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के पोर्टल पर फैंसी नंबर प्लेट लेने की आनलाइन सुविधा दी जा रही है। पहले यह सुविधा नहीं थी, लेकिन अब लोग विभाग की तरफ से निर्धारित राशि का भुगतान कर अपनी गाड़ियों के लिए मनपसंद नंबर ले सकते हैं। कुछ लोग अपना लकी नंबर के आधार पर भी फैंसी नंबर लेते हैं, जिससे सरकार को अतिरिक्त राजस्व मिलता है। वाहन मालिकvahan.parivahan.gov.in/fancyपोर्टल पर जाकर फैंसी नंबर प्लेट के लिए आवेदन कर सकते हैं।