मोतिहारी :न्यूज़4नेशन की खबर का असर ,हेडमास्टर -जेई-अफसरों ने मिलकर कागज पर ही कर लिया रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण,खबर चलने के बाद डीपीओ ने जांच के लिए बनायी तीन सदस्यी कमिटी

मोतिहारी :न्यूज़4नेशन की खबर का असर ,हेडमास्टर -जेई-अफसरों ने मिलकर कागज पर ही कर लिया रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण,खबर चलने के बाद डीपीओ ने जांच के लिए बनायी तीन सदस्यी कमिटी

मोतिहारी;  बिहार में रेन वाटर हार्वेस्टिंग निर्माण कागज पर ही हो गया. महालेखाकार ने मामले को धरा, फिर भी सब गोपनीय ही था. न्यूज4नेशन ने जब करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश किया तो खबर चलने के दूसरे दिन अब धरातल पर खानापूर्ति शुरू हो गई है. वही डीपीओ एसएसए ने जिला के 118 विद्यालयों में बने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच कमिटी का गठन किया गया है।डीपीओ एसएसए ने अपने पत्र में लिखा है कि न्यूज़4नेशन  ने पूर्वी चंपारण जिला में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने में भारी अनियमितता की खबर को प्रमुखता से दिखाया गया है ।उक्त खबर के आलोक में सभी चयनित विद्यालयों की स्थलीय जांच के लिए तीन सदस्यीय कमिटी के गठन किया गया है ।जांच कमिटी में लेखा पदाधिकारी,सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी व कनीय अभियंता को सदस्य बनाया गया है ।वही कमिटी को जल्द ही जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है ।न्यूज4नेशन ने कागज पर बनाये गए रेन वाटर हार्वेस्टिंग की खबर बताई थी. वैसे तो यह सूबे के अधिकांश जिलों का मामला है, लेकिन पूर्वी चंपारण के वास्तविक हकीकत से रूबरू कराया था. बताया था कि कैसे सर्व शिक्षा अभियान के जूनियर इंजीनियर और प्रधानाध्यापकों ने मिलकर कागज पर ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग निर्माण का काम कर राशि की निकासी कर ली. महालेखाकार के विपत्र वापस करने के बाद भी लगभग 8 महीनों से शिक्षा विभाग कागजात को दबाकर बैठा था. खुलासे के बाद कुछ स्कूलों में फिर से काम शुरू कराया गया है. 

जेई व प्रिंसिपल मिल कर डकार गए थे राशि

पूर्वी चंपारण जिले में कागज पर ही बना रेन वाटर हार्वेस्टिंग. खुलासे के बाद हड़कंप मचा है. खबर के दूसरे दिन कुछ स्कूल के प्रधानाध्यापक पाप छुपाने की कोशिश में जुट गए हैं. वहां पर फिर से काम शुरू हो गया है,ताकि जांच हो तो वे बच सकें. लेकिन सबसे बड़ा गुनाहगार जिसने बिना बनाये ही पैसे का भुगतान करा दिया, वो JE यहां से ट्रांसफऱ कराकर जमुई भाग गए हैं. जिस समय की यह योजना है, उस समय जिले के सर्व शिक्षा अभियान में अमित कुमार नाम का जेई कार्यरत्त था. लेकिन अब वो यहां नहीं हैं. कई स्कूलों के प्रधानाध्यापक ने अपरोक्ष तौर पर उस जेई को इसके लिए जिम्मेदार बताया है. बड़ा सवाल यही है जब रेन वाटर हार्वेस्टिंग का काम नहीं हुआ था तो जेई ने बिल कैसे पास कर दिया ?  अगर काम पूरा हो गया था तो अब फिर से काम कराने की नौबत क्यों आन पड़ी. अगर सब कुछ ठीक था तो फिर महालेखाकार ने विपत्र को वापस क्यों कर दिया ? ये तमाम सवाल हैं..इस तमाम आरोपों में पूर्वी चंपारण के तत्कालीन जेई अमित कुमार व  अन्य अधिकारी घिरे हुए हैं. पूर्वी चंपारण सर्व शिक्षा अभियान के तत्कालीन जेई अमित  कुमार की पोल उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय झखऱा ही खोल रहा है. खबर प्रसारित होने के बाद वहां आधा-अधूरा बने रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण कार्य की खानापूर्ति किया जा रहा है. वहीं तत्कालीन जेई अमित कुमार जिन पर कागज पर ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग निर्माण कराने का आरोप है, वह अब बात करने को तैयार नहीं. फोन ही रिसीव नहीं कर रहे.

महालेखाकार ने पकड़ी थी भारी गड़बड़ी

बिहार सरकार ने हाईस्कूलों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग निर्माण को लेकर राशि भेजी थी. बिहार शिक्षा 'रेन वाटर हार्वेस्टिंग'परियोजना पर्षद के माध्यम से सर्व शिक्षा अभियान को राशि गई थी. इसी के माध्यम से हाईस्कूलों में  रेन वाटर हार्वेस्टिंग निर्माण करना था. बिहार के स्कूलों में इस काम हुआ भी लेकिन कागज पर ही. उपयोगिता प्रमाण पत्र महालेखाकार को भेजी गई तो पूरी पोल-पट्टी खुल गई। महालेखाकार ने विपत्र में भारी गड़बड़ी बताकर उपयोगिता प्रमाण पत्र को वापस कर दिया. एजी ने जो त्रुटि बताया उसमें अभिश्रवों पर विद्यालय का पूरा नाम पता नहीं होना, पास फॉर पेमेंट के नीचे प्रधानाध्यापक का मोहर-हस्ताक्षर नहीं होना, पेड और कैंसिल के नीचे प्रधानाध्यापक का मुहर हस्ताक्षर नहीं होना .जीएसटी- टीडीएस की कटौती नहीं करना, भंडार पंजी में अंकित स्टॉक का पेज नंबर अभिश्रव पर अंकित नहीं होना, राशि भुगतान के माध्यम का अंकित नहीं होना, विद्यालय वार आवंटित राशि की सूची संलग्न नहीं होना. ₹5000 से ऊपर के बिल पर रेवेन्यू स्टांप नहीं होना. इन तमाम बिंदुओं को लेकर महालेखाकर ने बिहार शिक्षा परियोजना परिषद से प्राप्त डीसी विपत्रों को आपत्ति के साथ वापस कर दिया था. इसके बाद शिक्षा विभाग की नींद खुली और इसके निराकरण के लिए सभी जिलों को पत्र भेजा गया है.

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