उलार धाम सूर्य मंदिर की ऐतिहासिक तालाब में पर्यटन को बढ़ावा देने की नई पहल, नौका विहार की हुई शुरूआत

PATNA: पटना जिले के पालीगंज अनुमंडल के दुल्हन बाजार थाने क्षेत्र में द्वापरकालीन पौराणिक और ऐतिहासिक धरोहर के रूप में सुविख्यात भगवान भास्कर के पवित्र नगरी उल्लार धाम स्थित उलार सूर्य मंदिर न्यास समिति द्वारा पर्यटकों को बेहतरीन सुविधा प्रदान करने और पर्यटन को बढ़ावा देने की उद्देश्य से एक नई शुरुआत करते हुए नौका विहार का शुरूआत किया गया है। जानकारी के अनुसार उल्लार धाम सूर्य मंदिर परिसर में स्थित ऐतिहासिक उलार सूर्य कुंड तालाब में उलार सूर्य मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष पालीगंज SDM जयचंद्र यादव और मन्दिर महंथ अवध बिहारी दास द्वारा विधिवत पूजा अर्चना के साथ शुभारंभ किया गया।
इस उद्घाटन समारोह में मंदिर न्यास समिति के सचिव प्रमोद अवतार चंद्रवंशी, कोषाध्यक्ष अरविंद कुमार सुमन, सदस्य शशि भूषण सिंह, विनय कुमार चंद्रवंशी, महेंद्र सिंह, सूरज पासवान, संजय कुमार के साथ-साथ सैकड़ो स्थानीय लोग मौजूद रहे। वहीं पर्यटकों एवं आम लोगों के लिए कल से यहां पर पैदल वोट में घूमने का सुविधा प्रदान किया जायेगा।
उल्लेखनीय है उल्लार धाम स्थित द्वापर कालीन पौराणिक महत्व रखने वाले इस ऐतिहसिक धरोहर के रूप में विश्व विख्यात है। भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र राजा शांंब द्वारा बारह सूर्यपिठो एवं अर्क स्थलियो में से एक उलार्क सूर्य मंदिर की महता और इसकी प्रसिद्धि विश्व विख्यात है। यहां बिहार और देश के विभिन्न क्षेत्रों से चैती और कार्तिक छ्ठपूजा के लिए प्रति वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इस पवित्र नगरी में श्रद्धालु अटूट आस्था और विश्वास के प्रतीक के रूप अपनी मन्नते लेकर और पूरी हुई मन्नते को पूरा करने के लिए छठ पूजा करने आते हैं। यहां की ऐसी मान्यता है की जो कोई भी श्रद्धालु अपने मन में मन्नत मानकर अटूट आस्था और विश्वास के साथ आते हैं उनकी सभी मुरादे पूरी होती है।
उलार धाम स्थित सूर्य मंदिर स्थल को केंद्रीय पर्यटन सर्किट से जोड़ने की मांग वर्षों से उठती रही है, लेकिन उसे पूरा नहीं किया जा सका है।अगर यह संभव हो सकेगा तो यहां यह पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बन सकता है। क्योंकि यहां दो विश्व स्तरीय धरोहर है एक उलार सूर्य मन्दिर और दूसरा यहां से मात्र दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित ऐतिहासिक भरतपुरा गांव स्थित गोपाल नारायण सिंह सार्वजनिक पुस्तकालय सह संग्रहालय है । जोकि दोनों स्थल पर्यटकों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र विकसित हो सकते हैं।