नीतीश का ड्रीम प्रोजेक्ट CMP, बीजेपी, जेडीयू, हम और वीआईपी के घोषणा पत्रों के एजेंडे होंगे शामिल

पटना... बिहार में नई सरकार के गठन के साथ ही एनडीए के सभी घटक दलों को मिलाकर एक कॉमन मिनिमम प्रोगाम बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके तहत बीजेपी, जेडीयू, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और वीआईपी के शीर्ष नेतृत्व आपस में बैठकर कॉमन मिनिमम प्रोगाम पर चर्चा करेंगे। इस बैठक में सभी घटक दलों के घोषणा पत्र को शामिल कर उस पर चर्चा की जाएगी। माना जा रहा है कि अगले 5 साल में विकास के उन सभी कामों की प्रमुखता दी जाएगी, जो एनडीए के घटक दलों ने जनता से वादा किया है। इसके तहत सभी चारों घटक दलों के घोषणापत्र को किए गए वादों को शामिल किया जाएगा और विकास कार्य को जोर शोर से शुरू किया जाएगा। साथ ही नीतीश कुमार के सात निश्चय 2 पर भी जोर-शोर से बात होगी। 

विकास का 'कॉमन मिनिमम प्रोग्राम'

हर गांव तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा

हर खेत तक पानी पहुंचाना 

बीजेपी के आत्मनिर्भर बिहार को पूरा करना 

हर जिले में मेगा स्किल सेंटर खोलना 

300000 शिक्षकों को भर्ती करना

आईटी हब में 5 साल में 500000 रोजगार देना

एक करोड़ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना

एक लाख लोगों को स्वास्थ्य विभाग में नौकरी देना

 इंटर पास करने वाली छात्राओं को ₹25000 देना, जबकि स्नातक पास करने वाली छात्राओं को ₹50000 देना 

सभी गांव में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाना

पेयजल और भूमिहीनों को बहुमंजिला इमारत देना

2024 तक दरभंगा एम्स शुरू करना

बिहार वासियों को कोरोना निशुल्क टीका देना

सूबे में विकास के लिए नई सरकार आने के बाद एक से एक कदम उठाए जा रहे हैं। मतलब नीतीश के कार्यकाल में बिहार के लोगों के लिए बहुत कुछ हो सकता है। यह अलग बात है कि विपक्ष कॉमन मिनिमम प्रोगाम और विकास की बात को हवा हवाई करार दे रहा है।