पटना हाईकोर्ट ने थानों के दयनीय स्थिति के मामले पर की सुनवाई, एडीजी कमल किशोर को दिया यह निर्देश...

PATNA : पटना हाईकोर्ट ने राज्य की पुलिस स्टेशनों की दयनीय अवस्था और बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होने के मामले पर सुनवाई की। एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ के समक्ष राज्य के एडीजी कमल किशोर सिंह ने पुलिस स्टेशन की स्थितियों के सम्बन्ध रिपोर्ट प्रस्तुत किया। कोर्ट ने उन्हें नए बने पुलिस स्टेशन को आधुनिक बनाने के सन्दर्भ में पूरा रिपोर्ट कोर्ट में अगली सुनवाई में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने उन्हें ये देखने को कहा कि थानो को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए क्या कार्रवाई आवश्यक है।

साथ ही कोर्ट ने राज्य के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव और डीजीपी को निर्देश दिया कि थाने में बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए क्या क्या कार्रवाई की जानी चाहिए। पुलिस थाना सही और ढंग से कार्य करें,इसके उन्हें सभी सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना चाहिए। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने  ए डी जी कमल किशोर सिंह को कोर्ट और राज्य कार्डिनेटर के रूप में कार्य  का जिम्मा सौंपा था।

पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को कॉर्डिनेटर के रूप में कार्य करने के वरीय पुलिस अधिकारी का नाम का सुझाव देने को कहा था। राज्य में 1263 थाना है,जिनमें 471 पुलिस स्टेशन के अपने भवन नहीं है। इन्हें किराये के भवन में काम करना पड़ता है। कोर्ट ने बिहार स्टेट पुलिस बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कार्पोरेशन को पार्टी बनाने का निर्देश दिया था। जब तक दूसरे भवन में पुलिस स्टेशन के लिए सरकारी भवन नहीं बन जाते,तब तक पुलिस अधिकारी एडीजी कमल किशोर सिंह कॉर्डिनेटर के रूप में कॉर्डिनेट करेंगे।

इससे पहले भी पुलिस स्टेशन की दयनीय स्थिति और बुनियादी सुविधाओं का मामला कोर्ट में उठाया गया था। राज्य सरकार ने इन्हें सुधार लाने का वादा किया था,लेकिन ठोस परिणाम नहीं दिखा। इसी तरह का एक मामलें पर जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने सुनवाई करते हुए पुलिस स्टेशनों की दयनीय अवस्था को गम्भीरता से लिया।उन्होंने इस मामलें को जनहित याचिका मानते हुए आगे की सुनवाई के लिए डिवीजन बेंच में भेज दिया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी अधिवक्ता सोनी श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि जो थाने सरकारी भवन में चल रहे हैं, उनकी भी हालत अच्छी नहीं है। उनमें भी बुनियादी सुविधाओं की काफी कमी है। उन्होंने बताया कि बढ़ते अपराध को देखते हुए ये आवश्यक है कि थाना और पुलिसकर्मियों को आधुनिक बनाया जाए।

उन्होंने बताया कि पुलिस स्टेशन में बिजली,पेय जल,शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं है।  लगभग आठ सौ थाने ऐसे है, सरकारी भवन में चल रहे है,लेकिन उनकी भी दयनीय अवस्था है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि जो थाना सरकारी भवन में है,उनमें भी निर्माण और मरम्मती की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि कई पुलिस स्टेशन के भवन की स्थिति खराब है। पुलिसकर्मियों को काफी कठिन परिस्थितियों में और कई  सुविधाओं के अभाव में कार्य करना पड़ता है। इस मामलें पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।