पुलिस को इन मामलों में गिरफ्तारी के पहले बताना होगा कारण, जानिए क्या है सुप्रीम कोर्ट का दिशा निर्देश

पुलिस को इन मामलों में गिरफ्तारी के पहले बताना होगा कारण, जानिए क्या है सुप्रीम कोर्ट का दिशा निर्देश

PATNA : पटना हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में पारित एक निर्णय के आलोक में सर्कुलर जारी कर राज्य के सभी अदालतों को यह सुनिश्चित करने कहा है कि आईपीसी की धारा 498 A या सात साल एवं उससे कम की सजा वाले आपराधिक मामलों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित दिशा निर्देशों का पालन किया जाना अनिवार्य होगा। इसके तहत राज्य सरकार पुलिस अफसरों को अनुदेश दे कि वे मनमाने रूप से 498A या सात साल से कम की सजा वाले आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी नहीं करेंगे। 

उन्हें गिरफ्तारी करने से पहले सीआरपीसी की धारा 41 A के तहत कारण वर्णित करना होगा कि आख़िर उनकी गिरफ्तारी क्यों ज़रूरी है ? सर्कुलर के अनुसार पुलिस अफसरों को सीआरपीसी की धारा 41 (1)(b)(ii) के तहत चेकलिस्ट मुहैया करानी होगी, जिसके तहत वे विश्वास करने का कारण और गिरफ्तारी के लिए संतुष्टि दोनों तत्व का वर्णन करेंगे । 

गिरफ्तारी करने या हिरासत की अवधि बढ़ाने हेतु पुलिस अफसरों को संबंधित मजिस्ट्रेट को सभी कारण वर्णित करते हुए चेकलिस्ट को अग्रसारित करना होगा । मजिस्ट्रेट भी पुलिस रिपोर्ट में वर्णित तत्वों का अवलोकन कर या उससे संतुष्ट होकर ही किसी अभियुक्त की हिरासत के लिए अधिकृत कर सकेंगे। किसी भी अभियुक्त को गिरफ्तार न करने का कारण भी पुलिस को संबंधित मजिस्ट्रेट को मामला दर्ज होने के दो सप्ताह के भीतर भेजना अनिवार्य होगा। सीआरपीसी की धारा 41 A के तहत केस दर्ज होने के दो सप्ताह के भीतर अभियुक्त की उपस्थिति हेतु नोटिस किया जाना सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है। 

इन दिशा निर्देशो के अनुपालन नहीं किये जाने पर सम्बंधित पुलिस अफसर विभागीय कार्रवाई एवं अदालती आदेश की अवमानना के हकदार होंगे। सर्कुलर में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई मजिस्ट्रेट बिना किसी कारण वर्णित किये गिरफ्तारी अधिकृत करते हैं,तो वे भी हाईकोर्ट द्वारा विभागीय कार्रवाई के हकदार होंगे ।