राम नहीं आ रहे हैं ! चुनाव आ रहे हैं ! रामलला प्राण प्रतिष्ठा के बाद तेज प्रताप ने पढ़ाया सनातन का पाठ, 'भाजपा' को घेरा

पटना. अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सियासत गरमाई हुई है. इन सबके बीच बिहार के राजनेताओं का भी अलग अलग बयान आ रहा है. प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत मंगलवार को राजद सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे और नीतीश सरकार में मंत्री तेज प्रताप यादव ने तंज कसा. उन्होंने भाजपा या किसी भी राजनीतिक दल का नाम लिए बिना पूरे आयोजन को चुनाव से जोड़कर बताया. अपने सोशल मीडिया पर तेज प्रताप ने पोस्ट किया जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘राम नहीं आ रहे हैं ! चुनाव आ रहे हैं !’ इसी बहाने उन्होंने अपने विरोधियों को सनातन की महत्ता भी समझाई है. 

तेज प्रताप  यादव ने लिखा है- ‘राम नहीं आ रहे हैं ! चुनाव आ रहे हैं ! श्री राम तो हमारे मन में, हृदय में और कण-कण में विराजमान हैं पूर्व से ही। सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री राम, विष्णु जी के अवतार हैं और भगवान विष्णु के अन्तिम अवतार “कल्कि अवतार” को कलियुग का अंत होने के बाद धर्म की पुनर्स्थापना के लिए आना बाक़ी है। सियावर रामचंद्र की जय’. 

दरअसल, अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर में रामलला के बाल स्वरूप वाले विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का विधान 22 जनवरी को सम्पन्न हुआ. इस दौरान देश भर में ‘राम आएंगे’ जैसे नारों और गीतों की गूंज सुनाई दी. पूरे देश में 22 जनवरी की शाम दीपोत्सव का आकर्षक स्वरूप भी देखने को मिला. वहीं प्राण प्रतिष्ठा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही आकर्षण के केंद्र बने रहे. इन सबके बीच बिहार में प्राण प्रतिष्ठा विधान को लेकर सियासतदानों में भिन्न विचार दिखे. एक ओर एनडीए में शामिल तमाम दल इसे ऐतिहासिक आयोजन बता रहे हैं. वहीं जदयू ने भी प्राण प्रतिष्ठा पर हर्ष व्यक्त किया है. लेकिन अब राजद की ओर से बड़ा तंज कसा गया है. 

तेजप्रताप यादव ने ‘राम आएंगे’ जैसे नारों और गीतों का उदघोष करने वालों को निशाने पर लिया है. साथ ही यह भी बताया है कि यह सब चुनावी तैयारी एक तहत की गई है. उन्होंने राम को लोगों के मन में, हृदय में और कण कण में विराजमान बताया है. साथ ही दूसरी ओर सियासी प्रतिद्वंद्वी रखने वाले दलों को भी बताया है कि विष्णु का राम अवतार तो हो चुका है. इसलिए राम आ रहे हैं कहना उचित नही है बल्कि ऐसे नारे सिर्फ चुनाव को ध्यान में रखकर गढ़े गए हैं.