कमरा एक से पांच! जर्जर स्कूल भवन में जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर हैं छात्र, शिक्षक भी हो रहे परेशान
वैशाली-बिहार में भले ही शिक्षा एवं शिक्षा व्यवस्था में सुधार करने की लाख दावे किए जाए लेकिन शिक्षा व्यवस्था की जमीनी हकीकत कुछ और ही है जहां जर्जर विद्यालय के कमरे में पहली कक्षा से लेकर पांचवीं तक कि बच्चे पढ़ने को मजबूर है।
ऐसी लाचार व्यवस्था है वैशाली जिले के महनार नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 24 स्थिति राजकीय प्राथमिक विद्यालय इशहाकपुर टेक की जहां विद्यालय के जर्जर भवन में स्कूल के छोटे-छोटे बच्चे पढ़ने को बेबस है।हालांकि इसको लेकर विद्यालय प्रशासन द्वारा कई बार शिक्षा विभाग को लिखा गया लेकिन विभाग ने आज तक कोई ध्यान नही दिया।
विद्यालय के कक्षा 5 की छात्रा कल्याणी कुमारी ने बताया कि धूप या वर्षा हमलोगों को काफी समस्या होती है विद्यालय के एक कमरा होने से बच्चों को बाहर जमीन पर और बरामदे पर बैठाया जाता है और वर्षा होने पर छुट्टी दे दी जाती है वही कक्षा चौथी की छात्रा सवनम एवं अन्य बच्चों का कहना है कि विद्यालय का कमरा पूरा टूटा हुआ है और हमेशा डर बना रहता है।
वहीं इस संबंध में विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक अरुण कुमार ने बताया कि उन्होंने सभी जगह इसके बारे में लिखा लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नही हुई उन्होंने ने कहा कि विद्यालय का भवन इतना जर्जर हो चुका है कि हमेशा डर बना रहता है.
रिपोर्ट- ऋषभ कुमार