तीन निकाय चुनाव में मिली हार, लेकिन पार्टी में फिर भी है खुशी, यह है नड़्डा की भाजपा

डेस्क। दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा देश के कई राज्यों में शासन कर रही है। लेकिन हाल में तीन निकाय चुनावों में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। फिर भी इन हार ने भी पार्टी के लिए नई उम्मीदें जगाई है। हैदराबाद, जम्मु कश्मीर और केरल, यह वह राज्य हैं, जहां भाजपा का कोई बड़ा जनाधार नहीं है, लेकिन इन राज्यों में हाल के निकाय चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन शानदार रहा है। अब भाजपा इन राज्यों में अब अपने जनाधार को बढ़ाने की ओर कदम बढ़ा रही है। कहा जा सकता है कि जहां पर गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी की जिम्मेदारी जेपी नड्डा को सौंपी थी। नड्डा अब उस दायरे को आगे बढ़ाने लगे हैं।

बिहार चुनाव के साथ देश के कई राज्यों में उप चुनाव हुए, इनमें ज्यादातर जगहों पर भाजपा को जीत हासिल हुई। लेकिन, इन सबके बीच ग्रेटर हैदरबाद नगर निकाय का चुनाव हुआ। जहां भाजपा को सबसे ज्यादा सीटें हासिल हुई। हालांकि इसके बाद भी भाजपा को विपक्ष में बैठना पड़ा। लेकिन इसके बाद भी तेलंगाना में अपनी सरकार बनाने को लेकर भाजपा अब नई उम्मीद रखने लगा है। इसकी तुलना में कांग्रेस का दायरा कम हो गया।

कश्मीर में भी मिली जीत

दिसंबर माह में जम्मु काश्मीर में निकाय चुनाव हुए। धारा 370 हटाए जाने के बाद यहां भाजपा को यह साबित करना था कि उनका फैसला सही है। जिसे घाटी के लोगों का भी समर्थन मिला। लेकिन सबसे ज्यादा सीट जीतने के बाद भी भाजपा को विपक्ष में बैठना पड़ा है। गुपकार गठबंधन को बहुमत हासिल करने में सफल हुई। लेकिन विपक्ष में बैठने के बाद भी भाजपा को अब इस बात की उम्मीद है कि यहां आम चुनाव होने पर पार्टी को बड़ी जीत हासिल होगी

केरल की जीत चौंकानेवाली

सबसे ज्यादा चौंकानेवाला परिणाम केरल में सामने आया, यहां तिरुवंतपूरम नगर निगम में भाजपा को 35 सीटों पर जीत हासिल हुई। 100 सीटों वाले नगर निगम में सत्ता पर कायम सीपीआई को 50 सीटें मिली। अब भाजपा तिरुवंतपूरम की मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई है। जबकि कांग्रेस को सिर्फ 10 सीटें हासिल हुई है।

जमीन को मजबूत करने की कोशिश

गैर हिंदी भाषा राज्यों में भाजपा का राज कायम करने के लिए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की यह नई योजना है, जिसमें इन राज्यों में छोटे चुनाव को महत्व दिया जा रहा है। पार्टी इन राज्यों में पहले अपनी जमीन को मजबूत करने की कोशिश में जुट गई है। जिसका फायदा आनेवाले चुनाव में मिलेगा।