डेंगू का हॉट स्पॉट बनी राजधानी, पटना में लोगों को डरा रहा डेंगू, हर दिन बढ़ रही मरीजो की संख्या, जानिए- लक्षण और बचाव के उपाय
पटना. डेंगू का प्रकोप अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. डेंगू के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है.पटना जिले में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन डेंगू के 200 से अधिक नये मरीज मिले. 24 घंटे के अंदर जिले में जांच में 228 डेंगू मरीजों की पुष्टि हुई. इसके साथ जिले में डेंगू मरीजों का आंकड़ा बढ़ कर 4781 हो गया है. एक दिन पूर्व जिले में 244 डेंगू मरीज मिले थे. गुरुवार को जो मरीज मिले, उनमें सबसे अधिक पाटलिपुत्र अंचल में 106, बांकीपुर में 36, कंकड़बाग में 13, नूतन राजधानी अंचल में 25, अजीमाबाद में 21, पटना सिटी में दो, फुलवारीशरीफ और दानापुर में छह-छह डेंगू मरीज पाये गये. पटना के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच और पटना एम्स में 108 मरीज डेंगू वार्ड में भर्ती हैं. इनमें 25 मरीज आइसीयू में हैं, जिनका इलाज डॉक्टर्स की देखरेख में चल रहा है.
पटना में डेंगू के मामले बढ़ने के साथ-साथ गंभीर मरीजों की संख्या भी काफी बढ़ी है. वहीं पूरे प्रदेश की अगर बात करें तो प्रदेश के 12 मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में डेंगू के मरीज का इलाज चल रहा है.अररिया जिले के फारबिसगंज थाना में पदस्थापित एएसआइ चिरंजीव पांडे की डेंगू से ग्रसित होने के कारण मौत हो गयी. उनके शव को गुरुवार को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल अररिया लाया गया. एरिया एसपी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि एएसआइ चिरंजीव पांडे फारबिसगंज थाने में पोस्टेड थे. उनकी तबीयत पहले से ही खराब थी. सरकार की तरफ से जो प्रावधान है उसके अनुरूप आगे की कार्रवाई की जायेगी. वहीं समस्तीपुर जिले के दलसिंहसराय थाना क्षेत्र के ढेपुरा के राजद के वरिष्ठ नेता महेंद्र राय का डेंगू से निधन हो गया. मीडिया प्रभारी राज दीपक ने बताया कि कुछ दिन पहले वह डेंगू की चपेट में आये थे, जिसके बाद निजी अस्पताल में भर्ती हुए थे. अचानक बुधवार की रात तबीयत बिगड़ गयी, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें पीएमसीएच रेफर कर दिया. ले जाने के दौरान रास्ते में उनका निधन हो गया. सीवान में भी डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ रही है. तो गोपालगंज के सदर अस्पताल में रोज डेंगू से पीडित पहुंच रहे हैं.
पटना में डेंगू की भयावह स्थिति को देखते हुए पटना नगर निगम युद्ध स्तर पर फॉगिंग और एंटी लार्वा के छिड़काव का दावा कर रहा है. निगम प्रबंधन का कहना है कि जिन घरों में डेंगू के मामले हैं वहां विशेष रूप पर एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है. बताते चलें कि डेंगू को लेकर राजधानी पटना में राज्य डेंगू नियंत्रण कक्ष बनाया गया है, जो 24 घंटे मरीजों की सहायता के लिए उपलब्ध है.
डेंगू कंट्रोल रूम का हेल्पलाइन नंबर 0612-2951964 स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किया गया है. यहां एक कॉल पर लोग अस्पतालों में उपलब्ध बेड से लेकर ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की उपलब्धता के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. वहीं डेंगू के बढ़ते हुए मामले पर पटना के वरिष्ठ डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी का कहना है कि ठंड की शुरुआत होने पर ही डेंगू के मामलों में कमी आने की संभावना अभी लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि पटना में डेंगू काफी फैल चुका है.
आईजीआइएमएस के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ रोहित उपाध्याय ने बताया कि तेज बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, भूख की कमी, उल्टी, डायरिया, आंखों में दर्द, थकान, सुस्ती, घुटने का दर्द, शरीर में लाल धब्बे, नाक से खून ये सब डेंगू के लक्षण हैं. इन लक्षणों के दिखाई देने पर फौरन डॉक्टर के पास जाएं और प्लेटलेट्स काउंट चेक कराएं. डॉ रोहित उपाध्याय के अनुसार डेंगू के लक्षण आम तौर पर संक्रमण के चार से छह दिनों बाद शुरू होकर 10 दिनों तक रह सकते हैं.
डेंगू से बचाव का सबसे सरल उपाय है सावधानी. उन्होंने पताया कि डेंगू का का मच्छर दिन के समय काटता है इसलिए मच्छरों से खुद को बचाएं.फुल बांह के कपड़े पहनें और शरीर को कहीं से खुला ना छोड़ें.घर के आस-पास या अंदर कहीं भी पाना जमा ना होने दें.कूलर, गमले, टायर इत्यादि में जमे पानी को फौरन बहा दें.सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.पानी की टंकियों को ढंक कर रखें ताकि उनमें मच्छर पनप ना सकें.पानी के कंटेनर खाली कर दें और जिन जगहों पर पानी के जमा होने की उम्मीद हैं वहां कीटनाशकों का उपयोग करें. इन उपायों को कर डेंगू के डंक से बचा जा सकता है.