अगवानी घाट में ध्वस्त हुए 1700 करोड़ के पुल पुनर्निर्माण पर निर्माण कंपनी ने पटना हाईकोर्ट को दिया बड़ा आश्वासन
पटना. पटना हाईकोर्ट में भागलपुर के पास अगवानी घाट पर गंगा नदी के ऊपर बन रहे पुल के ध्वस्त होने के मामलें पर सुनवाई की। इन जनहित याचिकाओं पर चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए ये स्पष्ट किया कि पुल निर्माण कंपनी के प्रबंध निदेशक ने आश्वासन दिया है कि पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से को कंपनी अपने खर्च पर निर्माण करेगी। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने निर्माण कंपनी एस पी सिंगला को हलफ़नामा दायर कर अंडरटेकिंग देने को कहा था कि वह अपने खर्च से इस पुल के ध्वस्त भाग का निर्माण करेगा।
पिछली सुनवाई में विकास कुमार मेहता की ओर से कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत करते हुए वरीय अधिवक्ता एस डी संजय ने कहा था कि राज्य सरकार की रिपोर्ट की कॉपी उन्हें दी जाये। उस रिपोर्ट की कॉपी का अध्ययन करने के बाद वे अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष रखेंगे। इससे पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को घटना की पूरी जानकारी देते हलफ़नामा दायर करने का निर्देश दिया था। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा दायर हलफ़नामा का जवाब देने के लिए याचिकाकर्ताओं को पुनः दो सप्ताह का समय दिया था।
इस मामलें में अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने एक जनहित याचिका दायर किया था।उन्होंने अपनी जनहित याचिका में कहा कि भ्रष्टाचार, घटिया निर्माण सामग्री और निर्माण कंपनी के घटिया कार्य से ये पुल दुबारा टूटा है।ये पुल 1700 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा था । उन्होंने इस याचिका में कहा था कि इस मामलें की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराये जाने या न्यायिक जांच कराया जाये।जो भी दोषी और जिम्मेदार है,उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
कोर्ट ने एस पी सिंगला कंपनी के प्रबंध निर्देशक की ओर से ये आश्वासन दिये जाने पर संतोष व्यक्त करते हुए इस मामलें को निष्पादित कर दिया। याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता एस डी संजय और राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पी के शाही ने कोर्ट के समक्ष पक्षों को प्रस्तुत किया।