देश में बीएनएस के तहत पहला फैसला, छपरा में तीहरे हत्याकांड के आरोपियों को मिली उम्र कैद की सजा

देश में बीएनएस के तहत पहला फैसला, छपरा में तीहरे हत्याकांड के आरोपियों को मिली उम्र कैद की सजा

CHHAPRA : छपरा कोर्ट ने आज नया इतिहास बना दिया है। यहां कोर्ट ने 48 दिन पहले हुए तीहरे हत्याकांड में बड़ा फैसला सुनाते हुए दोनों दोषियों रोशन उर्फ सुधांशु कुमार और अंकित कुमार को भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 (1) के अंतर्गत आजीवन कारावास की सजा के साथ-साथ 25 हजार का अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं धारा 109(1) में 6 साल के कठोर कारावास की सजा के साथ-साथ 10 हजार का अर्थदंड लगाया। कोर्ट का निर्णय इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वारदात के सिर्फ 48 दिन बाद आया है। 

देश में भारतीय न्याय संहिता के तहत पहला फैसला

देश में एक जुलाई से आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता लागू है। इस कानून के लागू होने के बाद देश में यह पहला मामला है, जब किसी केस में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुनीत कुमार गर्ग ने रसूलपुर थाना कांड संख्या 133/24 सत्रवाद संख्या 693/ 24 के तिहरे हत्याकांड में दोनों पक्षों की दलीलों और गवाहों के बयानों के आधार पर सजा का ऐलान किया

बता दें कि सारण जिले के रसूलपुर थाना इलाके धनाडीह गांव में 17 जुलाई 2024 की रात अपराधियों ने तारकेश्वर सिंह के घर पर हमला किया और छत पर सो रहे पूरे परिवार को चाकुओं से गोद दिया। इस घटना में तारकेश्वर सिंह और उनकी दो बेटियों की मौत हो गयी जबकि उनकी पत्नी शोभा देवी और एक बेटी सूचिका गंभीर रूप से घायल हो गयीं।

इस मामले में पुलिस ने मृतक तारकेश्वर सिंह की पत्नी शोभा देवी और उनकी बेटी सूचिका के बयान के आधार पर रसूलपुर गांव के रहनेवाले रोशन उर्फ सुधांशु कुमार और अंकित कुमार के खिलाफ केस दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।

पुलिस ने तेजी से किया काम

सिर्फ 48 दिनों तक चले इस केस के दौरान अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक और उनके सहयोगी सुभाषचंद्र दास ने सूचिका और डॉक्टर, अनुसंधानकर्ता सहित कुल 12 लोगों की गवाही कोर्ट में पेश की. बचाव पक्ष की ओर से वीरेश कुमार चौबे और अनिल कुमार सिंह ने भी अपना पक्ष कोर्ट में रखा। मामले में पुलिस की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही, जिन्होंने इस हत्याकांड में तेजी से काम किया और ठोस सबूत कोर्ट के सामने पेश किए।

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