उज्जैन में लगी दुनिया की पहली वैदिक घड़ी, अनूठी खूबियों से भरी घड़ी में 24 नहीं 30 घंटे का एक दिन! जानें इसकी खूबी

न्यूज डेस्क |
Edited By : Hiresh Kumar |
Mar 09 2024 10:31 AM
 उज्जैन में लगी दुनिया की पहली वैदिक घड़ी, अनूठी खूबियों से भरी घड़ी में 24 नहीं 30 घंटे का एक दिन! जानें इसकी खूबी

प्राचीन भारतीय पारंपरिक पंचांग यानी समय गणना प्रणाली के अनुसार समय प्रदर्शित करने के लिए डिजाइन की गई दुनिया की पहली 'वैदिक घड़ी' का उद्घाटन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के उज्जैन में किया.  बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन प्राचीनकाल से ही समय की गणना के लिए प्रसिद्ध रहा है. उज्जैन से कर्क रेखा गुजरती है और यहीं से विक्रम संवत‌् की शुरुआत होती है और अब उज्जैन में दुनिया की पहली ऐसी वैदिक घड़ी, जमीन से 80 फीट ऊपर टावर में लगायी गई है, जिसमें कई खूबियां हैं. 'विक्रमादित्य वैदिक घड़ी' को उज्जैन के जंतर मंतर क्षेत्र में 85 फुट ऊंचे टॉवर पर स्थापित किया गया है.

वैदिक घड़ी' वैदिक हिंदू पंचांग, ग्रह स्थिति, मुहूर्त, ज्योतिषीय गणना और भविष्यवाणियों से संबंधित जानकारी प्रदर्शित करेगी और आईएसटी और जीएमटी भी बताएगी.घड़ी अन्य चीजों के अलावा संवत, मास, चंद्रमा की स्थिति, पर्व, शुभशुभ मुहूर्त, घटी, नक्षत्र, सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण के बारे में भी जानकारी प्रदर्शित करेगी.घड़ी एक सूर्योदय से दूसरे सूर्योदय के आधार पर समय की गणना करेगी.

जीवाजीराव वेधशाला में लगायी गई विश्व की इस पहली वैदिक घड़ी को 1 मार्च, 2024 को रिमोट के जरिये विश्व को लोकार्पित किया गया। इस घड़ी की जो सबसे बड़ी खूबी है, वह यह है कि इसमें 24 घंटे की बजाय 30 घंटे का समय देखा जायेगा। वास्तव में यह घड़ी सुबह सूर्योदय के बाद अगले दिन के सूर्योदय तक के समय को व्यक्त करेगी और इस तरह इसका पूरा एक चक्र 24 नहीं 30 घंटे में पूरा होगा, जिसमें भारतीय स्टैंडर्ड टाइम 60 मिनट की बजाय 48 मिनट प्रति घंटा होगा। इस घड़ी में वैदिककाल जानने के साथ ही कालगणना और अलग-अलग शुभ मुहूर्त भी दिखेंगे।

यह घड़ी जिसमें एक घंटा, 48 मिनट का है, वह वैदिक समय तो दिखायेगी ही, साथ ही यह शुभमुहूर्त भी बतायेगी और वैदिक हिंदू पंचांग की तिथियों, ग्रहों की स्थिति, ज्योतिषीय कालगणना और भविष्यवाणियां भी करेगी. यह घड़ी अपने आपमें वैदिक विज्ञान का एक नमूना भी होगी, जो प्राचीन ज्ञान और संस्कृति को आधुनिक विज्ञान के साथ तालमेल बनायेगी.

जब भी सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण होते हैं तो दुनियाभर के खगोलविदों के लिए उज्जैन बहुत महत्वपूर्ण जगह बन जाती है. यह घड़ी लोगों को सूर्यग्रहण और चंद्र ग्रहण जैसे खगोलीय घटना के बारे में भी बतायेगी. इसका एक मोबाइल एप्लीकेशन भी बनाया गया है जो इंटरनेट में मौजूद है. 1906 तक भारत में ज्योतिषीय कालगणनाएं इसी घड़ी के जरिये होती थी. यह दुनियाभर के ज्योतिष आचार्यों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगी.

 घड़ी अब उज्जैन की नई पहचान है और यह यहां के पर्यटन कारोबार को नई ऊंचाइयों पर ले जायेगी. भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन को अब इस आधुनिक घड़ी के लिए भी जाना जायेगा.समय गणना की भारतीय प्रणाली दुनिया की सबसे पुरानी, सूक्ष्म, शुद्ध, त्रुटि रहित, प्रामाणिक और विश्वसनीय प्रणाली है. इस सबसे विश्वसनीय प्रणाली को विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के रूप में उज्जैन में पुनः स्थापित किया जा रहा है..


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