यह है विवाह वाला स्कूल, शादी से पहले इस स्कूल में करवा सकते हैं नामांकन, 15 दिनों के क्लास के बाद शादी के लिए हो जाएंगे पास

DESK : सुखी दांपत्य जीवन कैसे जीया जाए, आम तौर पर यह माना जाता है कि यह परिवार में बड़े बुजुर्गों के साथ रहकर हासिल किया जा सकता है, लेकिन शायद ही यह कभी सुना जाता है कि इसके लिए कही स्कूल भी संचालित किया जाता है। वह भी झारखंड जैसे आदिवासी राज्य में।
यह सही है। प्रदेश के गुमला जिले में एक अनूठे स्कूल का संचालन होता है। गुमला में ईसाई मिशनरी मैरिज स्पेशल स्कूल का आयोजन करता है। इस विद्यालय में शादी के बंधन में बंधने वाले जोड़ों कोसुखद दांपत्यका गुर सिखाया जाता है. इसका संचालन ईसाई मिशनरी द्वारा किया जाता है।
दंपति के बीच कड़वाहट को दूर करने की कोशिश
इस खास स्कूल में ईसाई समुदाय के युवक-युवतियों को विवाह के बाद कैसे सुखमय जीवन व्यतीत किया जाए, इसके बारे में बताया जाता है. एक तरह से इस स्कूल में जीवन प्रबंधन के बारे में पढ़ाया-सिखया जाता है, ताकि भविष्य में पति-पत्नीके बीच कड़वाहट इतनी ज्यादा न बढ़ जाए कि जीवन ही संकटमय हो जाए।
दरअसल, ईसाई समुदाय के महापर्व क्रिसमस के बाद गुमला में 21 जोड़े विवाह के बंधन में बंधने वाले हैं. इसे देखते हुए शादी करने वाले युवक-युवतियों के लिए शादी स्कूल की शुरुआत की गई है. यह विशेष स्कूल 15 दिनों तक चलता है. इस विद्यालय में शादी करने जा रहेईसाई समुदायके जोड़ों को भविष्य की जिंदगी को लेकर व्यावहारिक शिक्षा दी जाती है। इस स्कूल का आयोजन शादी से पहले किया जाता है। इस स्कूल में युवक-युवतियों को शादी एवं शादी के बाद के जीवन से अवगत कराया जाता है, ताकि विवाह के बाद पति-पत्नी घर और परिवार के साथ सुखमय जीवन व्यतीत कर सकें.
शादी को लेकर हर प्रकार के असमंजस को दूर करने की कोशिश
इस मैरेज स्पेशल स्कूल के संचालक फादर सीप्रियन कुल्ली का कहना है कि आज के समय में अक्सर यह सुनने को मिलता है कि लोगों की शादी टूट गई। पति-पत्नी में तलाक हो गया, पत्नी ने आत्महत्या कर ली या फिर पति ने दूसरी शादी कर ली। कई लोग चट मंगनी-पट ब्याह कर लेते हैं। कई लोग दबाव में शादी करते हैं तो कई लोग दहेज के लोभ में शादी कर लेते हैं। लेकिन, शादी करने से पहले शादी के बाद के जीवन को सही से समझ नहीं पाते हैं। इसलिए ऐसे लोगों को पहले शादी के बारे में जानने की आवश्यकता है।