तेजस्वी थे शानदार क्रिकेट खिलाड़ी, विराट कोहली को अपने कप्तानी में खेलानेवाले को आखिर क्यों छोड़ना पड़ा क्रिकेट?
PATNA : हाल में ही बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि क्रिकेट हमेशा से उनका पहला प्यार रहा है और हमेशा से ही क्रिकेटर बनना चाहते थे। लेकिन स्थिति ऐसी हुई कि उन्हें क्रिकेट को हमेशा के लिए छोड़ना पड़ गया। अब तेजस्वी यादव ने खुद बताया है कि किस वजह से उन्हें क्रिकेट से दूरी बनानी पड़ी है। साथ ही उन्होंने बताया कि कब विराट कोहली उनकी कप्तानी में खेले थे
अधिकतर लोग यह मानते हैं कि तेजस्वी यादव ने अपने पिता के राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए क्रिकेट से दूरी बना ली। यह बात कुछ हद तक सही है, लेकिन यह पूरी तरह से सही नहीं है। तेजस्वी बताते हैं कि उनके दोनों पैर में चोट लग गई थी, जिसके कारण क्रिकेट में उनका करियर लंबा नहीं चल सकता था। यह एक बड़ी वजह थी, जिसके कारण उन्हें राजनीति की तरफ रुख करना पड़ा।
विराट कोहली भी खेले तेजस्वी की कप्तानी में
हाल ही में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री रह चुके तेजस्वी यादव ने बताया है कि एक समय पर विराट कोहली भी उनकी कप्तानी में खेला करते थे. ये बात हैं उस समय की जब तेजस्वी दिल्ली की अंडर-15 और फिर अंडर-17 टीम के लिए भी खेले. उन दिनों विराट कोहली, तेजस्वी की कप्तानी में खेला करते थे।
राजनीति में आने से पहले वो क्रिकेट ही खेला करते थे और स्टेट लेवल प्लेयर भी रहे हैं. यहां तक कि उन्हें IPL कॉन्ट्रैक्ट भी मिला, लेकिन यह अलग बात है कि उन्हें कभी खेलने का अवसर नहीं मिल पाया.
ऐसा था तेजस्वी यादव का क्रिकेट करियर
तेजस्वी यादव ने दिल्ली के आरके पुरम में स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की है. उनके क्रिकेट करियर की शुरुआत भी स्कूल के दिनों से हुई थी और 13 साल की उम्र में उनका दिल्ली की अंडर-15 टीम में चयन हुआ था. यादव ने अपने प्रोफेशनल क्रिकेट करियर में 4 टी20 मैच खेले, लेकिन उन्हें केवल एक पारी में बल्लेबाजी का मौका मिला, जिसमें वो 3 रन बना पाए थे. इसके अलावा उन्होंने लिस्ट-ए करियर में 2 मैच और एक फर्स्ट-क्लास मैच भी खेला था. उन्होंने अपने करियर में खेले सभी 7 मैचों में एक विकेट भी लिया था.
चार साल आईपीएल में दिल्ली की टीम का हिस्सा रहे
भारत के दिग्गज नेताओं में से एक लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी को IPL 2008 में दिल्ली डेयरडेविल्स ने 8 लाख रुपये में अपने स्क्वाड में शामिल किया था. वो चार सीजन दिल्ली की टीम का हिस्सा रहे, लेकिन उन्हें खेलने का अवसर नहीं मिल पाया था. 2011 में उनकी एक सीजन के लिए सैलरी 8 लाख से बढ़कर 10 लाख हो गई थी। जिसके बाद वह क्रिकेट से दूर होते चले गए।