Teacher death in school: क्लास लेने के दौरान महिला सरकारी टीचर की हुई मौत, लंच करने के चंद मिनटों पर हार्ट अटैक ने ले ली जान

सत्तू प्रजापति की दुखद मृत्यु यह बताती है कि हमें अपनी जीवनशैली पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। हृदय रोग जैसी समस्याओं से बचने के लिए स्वस्थ आदतें अपनाना और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराना बेहद जरूरी है।

Teacher death in school: क्लास लेने के दौरान महिला सरकारी टीचर की हुई मौत, लंच करने के चंद मिनटों पर हार्ट अटैक ने ले ली जान
क्लास लेने के दौरान महिला सरकारी टीचर की हुई मौत- फोटो : freepik

Teacher death in school: आज के व्यस्त और अनियमित जीवनशैली का स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है, खासकर हृदय संबंधी समस्याओं के मामलों में। ऐसा ही एक मामला सामने आया है मांडल स्थित मेजा ग्राम के कस्तूरबा गांधी उच्च माध्यमिक विद्यालय में, जहां प्रबोधक के पद पर कार्यरत टीचर सत्तू प्रजापति की अचानक कार्डिएक अरेस्ट से मौत हो गई। यह घटना लोगों को अपनी जीवनशैली और स्वास्थ्य पर ध्यान देने की ओर सचेत करती है।

 क्लास लेते हुए कार्डिएक अरेस्ट से मौत

सत्तू प्रजापति नाम की यह टीचर मोहन कॉलोनी में रहती थीं और रोज की तरह वह स्कूल में अपनी ड्यूटी कर रही थीं। लंच ब्रेक के दौरान उन्होंने घर का बना खाना खाया, लेकिन इसके तुरंत बाद उनकी तबीयत खराब होने लगी। ब्रेक के बाद जैसे ही उन्होंने अगली क्लास लेने के लिए कदम बढ़ाया, उनकी हालत और बिगड़ गई और वह अचानक बेहोश हो गईं। सहकर्मियों ने उन्हें तत्काल उप जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां से उन्हें भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल रेफर किया गया। अस्पताल में डॉक्टर्स ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया।

मौत का कारण: कार्डिएक अरेस्ट

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सत्तू प्रजापति की मौत का कारण कार्डिएक अरेस्ट था। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट में कोई संदेहजनक कारण नहीं मिला है। यह घटना कम उम्र में कार्डिएक अरेस्ट के बढ़ते मामलों पर सवाल उठाती है, जोकि वर्तमान जीवनशैली का परिणाम हो सकता है।

बदलती जीवनशैली और हृदय रोग

आजकल लोगों का जीवन बहुत तनावपूर्ण और भागदौड़ भरा हो गया है। अनियमित खानपान, नींद की कमी, मानसिक तनाव और फिजिकल एक्टिविटी की कमी जैसे कारक हमारे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। कार्डिएक अरेस्ट जैसी स्थितियाँ अब केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही हैं, बल्कि युवा और मध्यम आयु वर्ग के लोग भी इससे प्रभावित हो रहे हैं।

कार्डिएक अरेस्ट के मुख्य कारण:

तनाव और चिंता: आज की जीवनशैली में मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है जो हृदय पर दबाव डालता है।

अनियमित खानपान: फास्ट फूड और असंतुलित आहार हृदय रोगों के खतरे को बढ़ाते हैं।

शारीरिक गतिविधि की कमी: नियमित व्यायाम का अभाव हृदय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

धूम्रपान और शराब: ये आदतें हृदय रोग के जोखिम को काफी हद तक बढ़ा देती हैं।

ऐसे हादसों से बचाव के उपाय

स्वस्थ आहार: रोजाना ताजे फल, सब्जियां, और कम फैट वाला खाना खाने की आदत डालें।

नियमित व्यायाम: व्यायाम हृदय को स्वस्थ रखता है और तनाव को कम करने में मदद करता है।

तनाव प्रबंधन: ध्यान और योग के जरिए मानसिक तनाव को नियंत्रित करने की कोशिश करें।

नियमित स्वास्थ्य जांच: नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच कराते रहें, खासकर हृदय संबंधी समस्याओं के लिए।


Editor's Picks