UP NEWS: यूपी में अफसरों का गजब खेल! सरकार से मिला 6 करोड़ रुपये का फंड, बंटवारे पर बिगड़ा खेल हुआ खुलासा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही और मिलीभगत सामने आई है। पहले से बनी हुई सड़क की मरम्मत के लिए छह करोड़ रुपये से अधिक का बजट शासन से मांगा गया। मामले का खुलासा होने पर जेई राम गणेश पासवान को सस्पेंड कर दिया गया है।


जेई निलंबित, AE और XEN पर भी गिरेगी गाज

इस मामले में सहायक अभियंता (AE) सुधीर कुमार और अधिशासी अभियंता (XEN) अनिल जाटव पर भी कार्रवाई तय मानी जा रही है। इन दोनों के खिलाफ फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दी गई है। जल्द ही इनके निलंबन की भी कार्रवाई हो सकती है।


2022 में ही पूरी हो चुकी थी सड़क का निर्माण

लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव अजय चौहान के अनुसार, 2015 में कप्तानगंज से रुद्रपुर तक 50 किलोमीटर सड़क बनाने की योजना बनी थी। गौरीबाजार से रुद्रपुर तक की सड़क का ठेका जय शक्ति कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया। एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने इसके लिए 38.64 करोड़ रुपये जारी किए थे, जिससे 2022 में सड़क का काम पूरा हो गया था। छह करोड़ रुपये बचे थे, जो शासन को वापस भेज दिए गए थे।


दबाव के वक्त भेजा गया फर्जी मरम्मत प्रस्ताव

वित्तीय वर्ष के अंत यानी मार्च में जब विभागों पर बजट खर्च करने का दबाव होता है, उसी दौरान PWD देवरिया के अधिकारियों ने चालाकी से इस बनी हुई सड़क की मरम्मत के नाम पर 6.8 करोड़ रुपये का नया प्रस्ताव शासन को भेज दिया।


बिना जांच स्वीकृति दे बैठे लखनऊ मुख्यालय के अफसर

हैरानी की बात यह रही कि लखनऊ स्थित लोक निर्माण मुख्यालय ने बिना किसी जांच के इस प्रस्ताव को सही मानते हुए सरकार को राशि जारी करने की सिफारिश भेज दी। इसके बाद शासन ने भी राशि जारी कर दी।


पैसे के बंटवारे पर बिगड़ा खेल

जैसे ही राशि जारी हुई, उसमें हिस्सेदारी को लेकर जेई, AE, XEN और विभाग के बाबुओं के बीच खींचतान शुरू हो गई। आपसी विवाद बढ़ने पर इस घोटाले का राज़ सामने आ गया।


मुख्य सचिव ने दिए जांच के आदेश

मामला सामने आने पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने तत्काल जांच के आदेश दिए और लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। नतीजतन, जेई राम गणेश पासवान को सस्पेंड कर दिया गया है और अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी जांच जारी है।