UP NEWS: आगरा में नकली दवाओं का बड़ा खुलासा, माफिया ने दी 1 करोड़ की रिश्वत, करोड़ों की नकली दवाएं बरामद
आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में एसटीएफ ने नकली दवाओं के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। नामी कंपनियों की 3 करोड़ से ज्यादा कीमत की दवाएं जब्त की गई हैं। जांच में पता चला कि यह दवाएं न सिर्फ देश के अलग-अलग राज्यों में बल्कि नेपाल और बांग्लादेश तक सप्लाई की जा रही थीं।
1 करोड़ की रिश्वत की पेशकश
कार्रवाई रोकने के लिए दवा माफिया ने एसटीएफ अधिकारियों को एक करोड़ रुपये की रिश्वत देने की कोशिश की। महज चार घंटे में वह रकम लेकर पहुंच गया। एसटीएफ ने नकली दवा कारोबार से जुड़े माफिया को रुपयों के साथ गिरफ्तार कर लिया है।
दवा बाजार में छापा
लखनऊ एसटीएफ को सूचना मिली थी कि आगरा के फुव्वारा दवा बाजार में ग्लेनमार्क, सनफार्मा, जायडस और सनोफी जैसी कंपनियों की नकली दवाएं बेची जा रही हैं। शुक्रवार को एसटीएफ ने मुबारक महल स्थित हेमा मेडिको और गोगिया मार्केट की बंसल मेडिकल एजेंसी पर छापा मारा। इस दौरान 214 कार्टून दवाएं बरामद की गईं, जिनकी कीमत 3 करोड़ से अधिक बताई जा रही है।
ऐसे पकड़ा गया खेल
एसटीएफ के एडीशनल एसपी राकेश यादव ने बताया कि आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन से दवाओं से भरा एक ऑटो पकड़ा गया था। पूछताछ में पता चला कि यह दवाएं हेमा मेडिको फर्म पर जा रही थीं। ऑटो से मिली दवाओं की जांच में शक हुआ और फिर बड़ी कार्रवाई शुरू की गई। सिर्फ एंटी एलर्जी की दवा "एलेग्रा 125" के नकली स्टॉक की कीमत ही करीब एक करोड़ रुपये आंकी गई है।
ऐसे बनती थीं नकली दवाएं
जांच में सामने आया कि यह नेटवर्क उत्तराखंड और हिमाचल में नकली दवाएं तैयार करवाता था। कंपनियों की असली दवाओं के कुछ बॉक्स खरीदकर उनके बैच नंबर और क्यूआर कोड की कॉपी की जाती थी। फिर हूबहू वैसी ही नकली दवाएं बनाई जातीं और उन्हें बाजार में सप्लाई किया जाता।