UP NEWS: पांच साल में राम मंदिर ने दिया 400 करोड़ का टैक्स, भर गया खजाना

अयोध्या: राम मंदिर निर्माण ने अयोध्या के अर्थतंत्र को एक नई दिशा दी है। पिछले पांच वर्षों में रामनगरी में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या में दस गुना वृद्धि हुई है, जिससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा हुए हैं। अयोध्या अब धार्मिक पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बनती जा रही है। इसका असर न सिर्फ अयोध्या की आर्थिक स्थिति पर पड़ा है, बल्कि सरकार को भी इससे लाभ हुआ है।
राम मंदिर से सरकार को 400 करोड़ का टैक्स
राम मंदिर निर्माण के साथ-साथ अयोध्या में धार्मिक गतिविधियों के कारण सरकारी आय में भी वृद्धि हुई है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार, राम मंदिर से जुड़े विभिन्न गतिविधियों से सरकार को पिछले पांच साल में करीब 400 करोड़ रुपये का टैक्स प्राप्त हुआ है। 2020 से 2025 तक के बीच ट्रस्ट ने अकेले लगभग 400 करोड़ रुपये का टैक्स सरकार को दिया है, जिसमें 270 करोड़ रुपये जीएसटी के हैं और बाकी 130 करोड़ रुपये अन्य मदों में सरकार को मिले हैं।
रामलला के दर्शन करने वालों की संख्या में भारी वृद्धि
चंपत राय ने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद एक साल में पांच करोड़ श्रद्धालुओं ने अयोध्या पहुंचकर रामलला के दर्शन किए। यह संख्या पिछले सालों की तुलना में बहुत अधिक है। पिछले एक साल में अयोध्या पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 16 करोड़ से भी अधिक रही है, जिसमें से पांच करोड़ से ज्यादा लोगों ने रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई।
आर्थिक विश्लेषण और टैक्स योगदान
चंपत राय ने यह भी बताया कि ट्रस्ट के खातों की जांच करने के लिए सीएजी के अधिकारी कई बार अयोध्या आए हैं। करीब छह महीने पहले सीएजी के अधिकारियों से उन्होंने अयोध्या का आर्थिक विश्लेषण करने का अनुरोध किया था। 5 फरवरी 2020 से 28 फरवरी 2025 तक सरकार को 396.26 करोड़ रुपये का टैक्स मिला है, जो लगभग 400 करोड़ रुपये के बराबर है।
महाकुंभ 2025 के दौरान अयोध्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़
चंपत राय ने महाकुंभ 2025 के दौरान अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 15 जनवरी से 28 फरवरी तक महाकुंभ के दौरान हर दिन चार से साढ़े चार लाख लोग अयोध्या दर्शन के लिए पहुंचे। इस अवधि में करीब डेढ़ करोड़ श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए। रेलवे द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, प्रतिदिन 10 ट्रेनें कुंभ से अयोध्या आ रही थीं, और प्रत्येक ट्रेन में लगभग चार हजार लोग सफर करते थे। इस तरह, हर दिन लगभग 40 से 50 हजार लोग ट्रेन से अयोध्या पहुंचे थे।
राम मंदिर के निर्माण ने अयोध्या को एक महत्वपूर्ण धार्मिक और आर्थिक केंद्र में तब्दील कर दिया है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और इससे जुड़े पर्यटन के अवसरों ने न केवल अयोध्या की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है, बल्कि सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी की है। इसके साथ ही रोजगार के नए अवसरों के निर्माण ने अयोध्या के सामाजिक और आर्थिक ढांचे को नया आकार दिया है।