UP NEWS: ताबड़तोड़ धमाकों से दहल उठा था लोकबंधु अस्पताल, अंधेरे की वजह से हुए भयावह हालात, जानिए कैसे हुई घटना

लखनऊ: लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में सोमवार रात एक बड़ा हादसा हो गया। रात करीब 9:30 बजे अस्पताल की दूसरी मंज़िल से भीषण आग की शुरुआत हुई, जिसने धीरे-धीरे पूरे परिसर को अपनी चपेट में ले लिया। आग सबसे पहले आईसीयू और फीमेल मेडिसिन वार्ड तक पहुंची, जहां करीब 55 मरीज भर्ती थे।
मरीज और परिजन कुछ समझ पाते, उससे पहले आग ने विकराल रूप ले लिया
जैसे ही आग की लपटें उठीं, अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। आईसीयू में करीब 25 मरीज और फीमेल वार्ड में लगभग 30 मरीज थे। लपटें उठते ही वार्डों में चीख-पुकार और भगदड़ मच गई। डॉक्टर, नर्सें, अस्पताल कर्मचारी और तीमारदार – सभी ने मिलकर मरीजों को बाहर निकालने की कोशिश शुरू कर दी।
बहादुरी से किया गया रेस्क्यू
रात भर चले रेस्क्यू ऑपरेशन में अस्पताल के स्टाफ और दमकलकर्मियों ने जान की बाज़ी लगाकर 250 से ज़्यादा मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाला। सबसे पहले आईसीयू और फीमेल वार्ड से मरीजों को निकाला गया, फिर अन्य हिस्सों से भी। अब तक किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है, जो राहत की बात है।
बिजली काटी गई, अंधेरे और धुएं ने बढ़ाई परेशानी
आग की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि चारों ओर घना धुआं भर गया। स्थिति बिगड़ती देख अस्पताल प्रबंधन ने तुरंत बिजली सप्लाई काट दी, जिससे पूरे परिसर में अंधेरा फैल गया। अंधेरे और धुएं के कारण मरीजों को निकालना और मुश्किल हो गया। लोग मोबाइल की टॉर्च और इमरजेंसी लाइट की मदद से अपनों को ढूंढते रहे।
दमकल टीम दो हिस्सों में बंटी, चलाया गया बड़ा ऑपरेशन
जब आग बुझाने में मुश्किलें बढ़ीं, तो दमकल टीम दो हिस्सों में बंट गई। एक टीम ने हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म की मदद से ऊपर के फ्लोर तक पहुंच बनाई, जबकि दूसरी टीम खिड़कियों के कांच तोड़कर अंदर घुसी। धुएं के चलते दमकल कर्मियों को भी सांस लेने में दिक्कत आने लगी, जिसके बाद उन्होंने स्पेशल वीआर सेट पहनकर स्मोक एग्जॉस्ट सिस्टम से धुआं बाहर निकालना शुरू किया।
बच्चे और नवजात भी फंसे, महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल
घटना के समय अस्पताल में कई बच्चे और नवजात शिशु भी भर्ती थे। सबसे पहले नवजातों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। अपने बच्चों को भीतर फंसा देख माएं बदहवास हो गईं, कुछ तो रोते हुए अंदर भागने की कोशिश भी करने लगीं। पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका और कई बच्चों को ढूंढकर सुरक्षित परिजनों तक पहुंचाया।
आसपास के गांवों में भी दहशत
अस्पताल से सटे परिगवां गांव के लोग भी दहशत में आ गए। उन्हें ऑक्सीजन प्लांट के फटने का डर सताने लगा और वे अपने घरों से बाहर निकलकर सड़क पर जमा हो गए।
मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया गया
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि सभी मरीजों को सिविल, लोहिया, बलरामपुर और केजीएमयू जैसे अस्पतालों में सुरक्षित शिफ्ट कर दिया गया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इन सभी मरीजों का इलाज बिल्कुल मुफ्त किया जाएगा। फिलहाल लोकबंधु अस्पताल पूरी तरह खाली करा लिया गया है।
आग का कारण अभी साफ नहीं
अभी तक आग लगने की सटीक वजह सामने नहीं आई है। प्रशासन ने शॉर्ट सर्किट की आशंका जताई है, लेकिन पूरी जांच चल रही है। जांच के बाद ही कारणों की पुष्टि हो सकेगी।