नौवीं छात्रा ने टीचरों की डांट-फटकार से तंग आकर की आत्महत्या की कोशिश, शिक्षा व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल
School News: नौवीं कक्षा की छात्रा दिव्या ने टीचरों के अपमानजनक व्यवहार और डांट-फटकार से तंग आकर आत्महत्या का प्रयास किया।
School News: नौवीं कक्षा की छात्रा दिव्या ने टीचरों के अपमानजनक व्यवहार और डांट-फटकार से तंग आकर आत्महत्या का प्रयास किया। दिव्या ने पहले अपने हाथ पर तीनों टीचरों के नाम लिखे और फिर घर की छत से कूद गई। किस्मत रही कि नीचे रखा सामान से लदे वाहन पर गिरने के कारण उसकी जान बच गई, लेकिन वह गंभीर रूप से जख्मी हो गई।उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है।
परिवार ने तुरंत उसे प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। जानकारी के अनुसार, दिव्या जनपद के एक पब्लिक स्कूल में पढ़ती है और उसने पढ़ाई ठीक से न होने की शिकायत तीन दिन पहले स्कूल प्रबंधक पुरुषोत्तम सिंह से की थी। दिव्या का आरोप है कि उसकी क्लास टीचर सोनिया, शिखा और अरुणिमा उसे सही तरीके से पढ़ाने में लापरवाह थीं।
छात्रा की शिकायत पर स्कूल प्रबंधक ने कोई कार्रवाई नहीं की और उसकी बातों को नजरअंदाज कर दिया। इसके बाद शिक्षिकाओं ने कक्षा में अन्य छात्रों के सामने दिव्या को ‘मंदबुद्धि’ कहकर अपमानित किया और शारीरिक दंड भी दिया। अपमान और मानसिक दबाव के चलते दिव्या ने घर पर अपने परिवार को पूरी घटना बताई।
रात लगभग आठ बजे, मानसिक तनाव के चलते दिव्या ने आत्महत्या की कोशिश की। हालांकि वह सीधे जमीन पर नहीं गिरी, बल्कि समान से भरे वाहन पर गिरने से बाल-बाल बच गई। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने स्कूल प्रबंधक पुरुषोत्तम सिंह और तीनों शिक्षिकाओं सोनिया, शिखा और अरुणिमा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण कुंवर आकाश सिंह ने बताया कि मामले की जांच चल रही है और साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इस दर्दनाक घटना ने शिक्षा व्यवस्था और स्कूलों में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि छात्रों को अपमानित करना, ताने मारना या अनदेखा करना उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि विद्यालय प्रशासन को छात्राओं और छात्रों की शिकायतों को गंभीरता से सुनना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।