UP Politics: NDA को बिहार में झटका देने की तैयारी में राजभर, बिहार चुनाव में NDA से नहीं बनी बात तो बनाएंगे तीसरा मोर्चा
लखनऊ/बलिया: उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभास्पा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बिहार चुनाव को लेकर बड़ा राजनीतिक संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि अगर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से बात नहीं बनी, तो बिहार में तीसरा मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ेंगे।
NDA से 70% बातचीत फाइनल, बाकी के लिए बना रहे विकल्प
बलिया में मीडिया से बात करते हुए ओपी राजभर ने कहा कि बिहार चुनाव में उनकी पहली प्राथमिकता NDA के साथ मिलकर चुनाव लड़ना है। उन्होंने बताया कि 70 प्रतिशत बातचीत फाइनल हो चुकी है, लेकिन 30 प्रतिशत मुद्दों पर अब भी सहमति बनना बाकी है। ऐसे में दूसरा विकल्प भी तैयार रखा गया है। उन्होंने कहा कि अगर किसी कारणवश बीजेपी से गठबंधन नहीं हो पाया, तो वे अन्य दलों के साथ मिलकर तीसरा मोर्चा बनाएंगे और चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि INDIA गठबंधन से सुभास्पा का कोई तालमेल नहीं होगा।
156 सीटों पर लड़ने की तैयारी, बिहार में संगठन मजबूत
राजभर ने दावा किया कि सुभास्पा बिहार में 156 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह यूपी में पार्टी का संगठन मज़बूत है, उसी तरह बिहार में भी सुभास्पा का आधार है। उन्होंने कहा कि राजभर, राजवंशी जैसी जातियां बिहार में पार्टी की ताकत को दिखाएंगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि बिहार में प्रशांत किशोर जैसे नेताओं से बातचीत चल रही है, और कई अन्य पार्टियां तीसरे मोर्चे को लेकर सहमत हैं।
राहुल गांधी पर तीखा हमला
ओपी राजभर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस बयान पर भी पलटवार किया जिसमें राहुल ने चुनाव आयोग पर "एटम बम" जैसे सबूत होने की बात कही थी। राजभर ने कहा कि अगर कोई सबूत है तो उसे देश के सामने रखें, केवल बातें करने से कुछ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी भी अब वीपी सिंह की तरह बयान दे रहे हैं। वीपी सिंह बोफोर्स मामले में कहते थे कि सबूत है, दिखा देंगे, लेकिन वह सबूत कभी सामने नहीं आया और अब राहुल गांधी भी वही कर रहे हैं। अगर उनके पास सच में सबूत है, तो उन्हें दिखाना चाहिए।
तीसरा मोर्चा बिहार चुनाव की नई करवट?
ओपी राजभर के इस बयान से बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई है। अगर NDA से बात नहीं बनती है और तीसरा मोर्चा बनता है, तो बिहार चुनाव में एक नया राजनीतिक समीकरण देखने को मिल सकता है।