विधायक सुधाकर सिंह का निधन, मल्टी आर्गन फेल होने से हुई मौत, पार्टी ने जताया शोक

समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक सुधाकर सिंह का गुरुवार की भोर में लखनऊ के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। 67 वर्षीय सिंह को दो दिन पहले अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया था

Lucknow - उत्तर प्रदेश की घोसी विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक सुधाकर सिंह का गुरुवार की भोर में लखनऊ के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। 67 वर्षीय सिंह को दो दिन पहले अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मेदांता के निदेशक डॉ. राकेश कपूर ने बताया कि उन्हें लीवर सहित कई गंभीर समस्याएं थीं, और मल्टी ऑर्गन फेल्योर (कई अंगों के काम करना बंद कर देने) के कारण उनका निधन हो गया। उनके निधन की खबर मिलते ही पूरे मऊ जिले और समाजवादी पार्टी के खेमे में शोक की लहर दौड़ गई है।

अखिलेश यादव भी पहुंचे

सुधाकर सिंह के निधन की सूचना मिलते ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव सहित पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता तुरंत मेदांता अस्पताल पहुंचे और अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उनका निधन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वह घोसी के प्रतिष्ठित उपचुनाव में विजय हासिल कर विधायक बने थे, जहां उन्होंने योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री रहे दारा सिंह चौहान को हराया था। उनकी यह जीत समाजवादी पार्टी के लिए बड़ी प्रतिष्ठा का विषय थी और उन्होंने अखिलेश यादव के भरोसे को कायम रखा था।

मुख्तार अंसारी  के बेटे के  रिसेप्शन  में हुए शामिल


तीन दिन पहले, सुधाकर सिंह दिल्ली में आयोजित माफिया मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी के रिसेप्शन में शामिल हुए थे। वहां से लौटने के बाद ही उनकी तबीयत खराब होनी शुरू हुई, जिसके बाद मंगलवार को उन्हें लखनऊ लाकर मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनके निधन पर कैबिनेट मंत्री एके शर्मा, घोसी लोकसभा के सांसद राजीव राय सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने शोक प्रकट किया है, जो मऊ की राजनीति में उनकी स्वीकार्यता को दर्शाता है। उनके परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे और एक बेटी हैं।

सुधाकर सिंह मऊ की राजनीति में एक मजबूत पकड़ रखने वाले और कट्टर समाजवादी नेता के रूप में जाने जाते थे। घोसी विधान सभा क्षेत्र के भावनपुर निवासी सिंह का राजनीतिक जीवन नब्बे के दशक में छात्र राजनीति से शुरू हुआ। उन्होंने पहली बार 1996 में नत्थूपुर सीट से चुनाव लड़कर विधायक बने। परिसीमन के बाद वह 2012 में घोसी सीट से दोबारा विधायक चुने गए। हालांकि, 2017 के चुनाव में वह बीजेपी के फागू चौहान से हार गए थे, लेकिन 2022 तक मऊ की राजनीति में उनका प्रभाव बरकरार रहा।

वर्ष 2023 में घोसी उपचुनाव ने सुधाकर सिंह को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया। दरअसल, 2022 में दारा सिंह चौहान सपा से चुनाव जीते थे, लेकिन एक साल बाद इस्तीफा देकर वापस बीजेपी में शामिल हो गए। इसके बाद हुए उपचुनाव में सपा ने एक बार फिर सुधाकर सिंह पर भरोसा जताया, जिनका सीधा मुकाबला बीजेपी के उम्मीदवार दारा सिंह चौहान से था। यह चुनाव योगी सरकार के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया था, लेकिन सुधाकर सिंह ने दारा सिंह चौहान को हराकर तीसरी बार विधानसभा की सदस्यता हासिल की, जो उनकी राजनीतिक शक्ति का प्रमाण था।