UP Flood News: यूपी में बारिश और बाढ़ से बिगड़े हालात, 12 मौतें, 18 जिलों के करीब 500 गांव प्रभावित, CM योगी ने दिए सख्त निर्देश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटों से हो रही बारिश और बाढ़ ने हालात बिगाड़ दिए हैं। विभिन्न कारणों से 12 लोगों की मौत हो चुकी है। राहत आयुक्त कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक, 2 अगस्त की शाम 8 बजे से 3 अगस्त की शाम 4 बजे के बीच सबसे ज्यादा तीन मौतें कौशांबी जिले में दर्ज की गई हैं। इसके अलावा बदायूं, बिजनौर, बलरामपुर, महोबा, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, अमरोहा, मऊ और पीलीभीत में भी एक-एक व्यक्ति की जान गई है। मौत के कारणों में आकाशीय बिजली से एक, डूबने से दो, सांप के काटने से चार, आंधी-तूफान से एक, ओलावृष्टि से तीन और एक अन्य कारण शामिल है। जनहानि का आंकड़ा और बढ़ सकता है।
18 जिले बाढ़ की चपेट में
प्रदेश के कुल 18 जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। इनमें कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, आगरा, औरैया, चित्रकूट, बलिया, बांदा, गाजीपुर, मीरजापुर, प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, जालौन, कानपुर देहात, हमीरपुर, इटावा, फतेहपुर और अब अमरोहा भी शामिल हो गया है। इन जिलों के कई घरों में पानी भर चुका है, जिससे लोग ऊपरी मंजिलों पर फंसे हुए हैं।
राहत और बचाव में NDRF, SDRF और PAC तैनात
बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य तेज़ी से चल रहा है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें लगातार पेट्रोलिंग कर रही हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं। अब तक 84,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें 47,900 से ज्यादा लोगों को राहत पहुंचाई जा चुकी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त रुख
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को उच्चस्तरीय बैठक कर हालात की समीक्षा की और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए जिलाधिकारियों से सीधे संवाद किया। उन्होंने राहत कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही को लेकर चेतावनी दी और कई अहम निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ शरणालयों में महिलाओं की सुरक्षा, बच्चों के लिए दूध, और सभी के लिए पर्याप्त खाद्य सामग्री की व्यवस्था होनी चाहिए। क्वालिटी और क्वांटिटी का रेंडम चेक किया जाए, ताकि किसी भी तरह की अनियमितता रोकी जा सके।
स्वास्थ्य और पुनर्वास को प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएं, और बीमार लोगों को तुरंत दवाइयां उपलब्ध कराई जाएं। जिनके मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनका सर्वे कराकर मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत मदद दी जाए। रेस्क्यू में केवल बड़ी नावों के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया गया है, जबकि छोटी नावों के उपयोग पर रोक लगा दी गई है। सभी जिलों में 24×7 कंट्रोल रूम को सक्रिय रखने और हर दिन रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है।
राहत अभियान के आंकड़े
अब तक 37 तहसीलों और 402 गांवों में बाढ़ का असर देखा गया है। करीब 2,759 मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। 343 मकानों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 327 परिवारों को सहायता राशि दी जा चुकी है। राहत सामग्री पहुंचाने के लिए 493 नावों और मोटरबोट्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। अब तक 6,536 खाद्यान्न पैकेट और 76,632 लंच पैकेट वितरित किए गए हैं। 29 लंगर चलाए जा रहे हैं जहां पीड़ितों को भोजन मिल रहा है।
बाढ़ शरणालयों में व्यवस्था
राज्य में कुल 905 बाढ़ शरणालय संचालित हो रहे हैं, जहां करीब 11,248 लोग अस्थायी रूप से रह रहे हैं। इनके स्वास्थ्य की निगरानी के लिए 757 मेडिकल टीमें तैनात हैं। अब तक 500 क्विंटल भूसा मवेशियों के लिए वितरित किया गया है। साथ ही 1,29,571 क्लोरीन टेबलेट्स और 37,089 ओआरएस पैकेट भी बांटे गए हैं ताकि जलजनित बीमारियों को रोका जा सके। 1,193 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं जो स्थिति पर लगातार नजर रख रही हैं।
जलस्तर बढ़ने की चेतावनी
मौसम विभाग का कहना है कि अगले 24 घंटों में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर और बढ़ सकता है। इसके बाद धीरे-धीरे पानी के घटने की संभावना जताई गई है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और ज़रूरत होने पर राहत केंद्रों में शरण लेने की अपील की है।