खेतीवाली जमीन बिकने से परेशान युवक ने फंदे पर झूलकर दी जान, पत्नी ने कहा – कई दिन से थे गुमसुम

गांव में पिता द्वारा जमीन बेचे जाने से आहत होकर 34 वर्षीय इकलौते पुत्र ने आत्मघाती कदम उठा लिया। नलकूप में फंदे से झूलती लाश देख परिजनों में कोहराम मच गया।

N4N desk - यूपी के हमीरपुर जिले के सुमेरपुर अंतर्गत बरुआ गांव में एक पिता के फैसले ने हँसते-खेलते परिवार को उजाड़ दिया। 34 वर्षीय अमरीश निषाद अपने पिता सत्यनारायण द्वारा हाल ही में छह बीघा खेत बेचने के फैसले से गहरे सदमे में था। इकलौते बेटे के रूप में वह पैतृक संपत्ति को अपना आधार मानता था, लेकिन पिता द्वारा बार-बार जमीन बेचे जाने से वह भीतर ही भीतर टूट चुका था। 

नलकूप पर फंदे से झूलता मिला शव

परिजनों के मुताबिक, अमरीश कई दिनों से गुमसुम रह रहा था। शुक्रवार को वह घर से निकला लेकिन वापस नहीं लौटा। जब खोजबीन की गई तो उसका शव खेत में बने निजी नलकूप के अंदर फंदे से लटका मिला। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है कि क्या कोई अन्य पारिवारिक विवाद भी इसके पीछे था। 

तीन साल पहले बोलेरो दिलाकर दी थी खुशियां

मृतक की पत्नी पुष्पा ने रोते हुए बताया कि ससुर सत्यनारायण के पास कुल 16 बीघा जमीन थी। तीन साल पहले भी दो बीघा जमीन बेचकर अमरीश को बोलेरो गाड़ी खरीदकर दी गई थी। अमरीश उसी गाड़ी को चलाकर घर की आजीविका में सहयोग करता था। लेकिन एक सप्ताह पहले अचानक फिर से छह बीघा जमीन बेचे जाने की बात अमरीश बर्दाश्त नहीं कर सका।

दो बहनों के इकलौते भाई के जाने से मातम

अमरीश अपने दो बहनों के बीच अकेला भाई था। घर के 'कुलदीपक' के इस तरह चले जाने से पूरे गांव में शोक की लहर है। परिजनों का बुरा हाल है, उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा कि जिस बेटे के भविष्य के लिए पिता ने कभी संसाधन जुटाए थे, वही बेटा आज जमीन की खातिर मौत को गले लगा लेगा।

बेसहारा हुए मासूम बच्चे और पत्नी

इस घटना ने अमरीश के छोटे बच्चों के सिर से पिता का साया छीन लिया है। वह अपने पीछे पत्नी पुष्पा देवी, पुत्री गौरी और दो मासूम बेटों आदित्य व अनिकेतन को छोड़ गया है। पुलिस ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन इस घटना ने ग्रामीण इलाकों में पैतृक संपत्ति को लेकर होने वाले मानसिक तनाव और संवाद की कमी पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।