UP NEWS: यूपी में लिंगानुपात में हुआ ऐतिहासिक सुधार, 1000 पुरुषों पर 1020 महिलाएं

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बीते आठ वर्षों में महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में जो परिवर्तन हुए हैं, वे न केवल ऐतिहासिक हैं, बल्कि प्रेरणादायक भी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, और आत्मनिर्भरता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। सरकार ने ऐसी योजनाएं लागू की हैं, जिन्होंने महिलाओं के जीवन स्तर को ऊंचा किया है और पूरे समाज को सकारात्मक दिशा में अग्रसर किया है।
योगी सरकार के सतत प्रयासों और जागरूकता अभियानों के परिणामस्वरूप, उत्तर प्रदेश में महिला-पुरुष लिंगानुपात में ऐतिहासिक सुधार देखने को मिला है। आंकड़ों के अनुसार, अब प्रति 1000 पुरुषों पर 1020 महिलाएं हैं, जो दर्शाता है कि कन्या भ्रूणहत्या जैसी कुप्रथाओं पर प्रभावी नियंत्रण किया गया है। “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” जैसे अभियानों के माध्यम से लोगों की मानसिकता में बदलाव आया है और बेटियों को समान अवसर प्रदान करने की दिशा में प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है।
महिलाओं और बालिकाओं के कल्याण के लिए सरकार की योजनाएं
योगी सरकार ने महिलाओं और बालिकाओं के कल्याण के लिए कई योजनाएं लागू की हैं, जिनमें मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस योजना के तहत अब तक 23 लाख से अधिक बालिकाओं को लाभ मिल चुका है। इस योजना का उद्देश्य बालिका के जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक आर्थिक सहायता प्रदान करना है। योजना के तहत:
बालिका के जन्म पर ₹5,000,
एक वर्ष तक के टीकाकरण पर ₹2,000,
कक्षा 1 और 6 में प्रवेश पर ₹3,000-3,000,
कक्षा 9 में प्रवेश पर ₹5,000,
10वीं या 12वीं पास करने के बाद स्नातक या डिप्लोमा में प्रवेश पर ₹7,000,
इस प्रकार, एक लाभार्थी को कुल ₹25,000 की सहायता राशि प्रदान की जाती है, जिससे उनकी शिक्षा और भविष्य सुरक्षित होता है।
कन्या जन्मोत्सव: एक अनूठी पहल
उत्तर प्रदेश सरकार ने कन्या भ्रूण हत्या और बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को रोकने और समाज में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए ‘कन्या जन्मोत्सव’ की शुरुआत की। इस पहल के तहत नवजात बालिकाओं के जन्म को उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस कार्यक्रम में परिवार के सदस्य, जनप्रतिनिधि, और समाज के गणमान्य लोग शामिल होते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बालिका का जन्म सकारात्मक रूप से देखा जाए।
अब तक इस पहल के तहत 3,822 कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है, और 35,489 बालिकाओं के जन्म का उत्सव मनाया गया है। यह कार्यक्रम हर महीने के पहले और तीसरे सोमवार को जिला, ब्लॉक और गांव स्तर पर आयोजित किए जाते हैं, जिससे समाज में लड़कियों के महत्व को लेकर जागरूकता बढ़ाई जा सके।
सामाजिक भागीदारी और मानसिकता में बदलाव
योगी सरकार ने ‘कन्या जन्मोत्सव’ को केवल एक सरकारी योजना तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे एक सामाजिक आंदोलन में बदल दिया है। इस पहल में महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायती राज, और स्थानीय प्रशासन को एकीकृत किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य पितृसत्तात्मक मानसिकता को समाप्त करना और समाज में लैंगिक समानता की भावना को बढ़ावा देना है।
लैंगिक समानता की दिशा में योगी सरकार का बड़ा कदम
‘कन्या जन्मोत्सव’ कार्यक्रम केवल एक पहल नहीं, बल्कि समाज में बदलाव लाने का एक माध्यम है। इसके माध्यम से लैंगिक भेदभाव और पूर्वाग्रहों को चुनौती दी जा रही है, और समावेशिता को बढ़ावा दिया जा रहा है। परिणामस्वरूप, उत्तर प्रदेश में लड़कियों के जन्म दर में वृद्धि हुई है और समाज में सकारात्मक बदलाव देखा जा रहा है।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लिंगानुपात में सुधार हुआ है। जहां शहरी क्षेत्रों में प्रति 1000 पुरुषों पर 985 महिलाएं हैं, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में यह अनुपात 1037 है। प्रदेश का कुल लिंगानुपात अब 1020 हो गया है, जो कन्या भ्रूण हत्या और परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता का परिणाम है।
महिला और शिशु स्वास्थ्य में अभूतपूर्व सुधार
महिला और शिशु स्वास्थ्य की दिशा में योगी सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई हैं, जिनके परिणामस्वरूप प्रदेश में मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर और नवजात मृत्यु दर में भारी गिरावट आई है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, जननी सुरक्षा योजना, और मिशन इंद्रधनुष जैसी योजनाओं ने गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के जीवन को सुरक्षित किया है।
इसके अलावा, योगी सरकार ने अनुपूरक पुष्टाहार योजना के तहत दो लाख से अधिक गरीब और कुपोषित महिलाओं और बच्चों को पोषण दिया है, जिससे उनका स्वास्थ्य बेहतर हुआ है। इसी प्रकार, प्रदेश के आठ आकांक्षात्मक जिलों में किशोरी बालिकाओं के सर्वांगीण विकास के लिए 2 लाख 10 हजार से अधिक किशोरियों को चिन्हित किया गया और उनका समग्र विकास किया जा रहा है।