UP NEWS: दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नगर निकायों की दुकानों में मिलेगा आरक्षण

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने नगर निगमों और नगर पंचायतों में बनने वाली दुकानों और कीऑस्कों में दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण लागू करने का निर्णय लिया है। इस पहल के तहत नगर निगम और सूडा (राज्य शहरी विकास प्राधिकरण) को निर्देश दिए गए हैं कि वे पुनर्वास योजना के तहत दुकानों का आवंटन प्राथमिकता से दिव्यांगजनों को करें।


प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तिकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने मंगलवार को विधानसभा में अपने कार्यालय में नगर निगम और सूडा के अधिकारियों के साथ बैठक कर इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि दुकानों और कीऑस्कों का आवंटन निर्धारित आरक्षण नीति के तहत किया जाए और इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार कर पात्र दिव्यांगजनों तक जानकारी पहुंचाई जाए।


नई योजना का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश

मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने बैठक में जोर देकर कहा कि नगर निगम और दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग संयुक्त रूप से एक नई योजना का प्रस्ताव तैयार करें, जिसके तहत शहरों में दिव्यांगजनों के लिए विशेष रूप से दुकानें बनाई जाएं और उन्हें संचालन का अवसर प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट निर्देश है कि दिव्यांगजनों को न केवल शिक्षित किया जाए, बल्कि उन्हें स्वावलंबी और आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाया जाए।"


199 दिव्यांगजनों को मिला लाभ, 766 आवेदन प्रक्रिया में

मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में दुकान निर्माण एवं संचालन योजना के तहत 1318 लाभार्थियों के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 199 दिव्यांगजनों को 19.90 लाख रुपये व्यय कर लाभान्वित किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त, जनपद स्तर पर 766 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनकी समीक्षा कर शीघ्र ही आवंटन प्रक्रिया पूरी की जाएगी।


योगी सरकार की प्राथमिकता, दिव्यांगजनों का सशक्तीकरण

योगी सरकार की इस पहल से न केवल दिव्यांगजनों को आर्थिक स्वावलंबन का अवसर मिलेगा, बल्कि सामाजिक समावेशन को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार का यह कदम दिव्यांगजनों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने और उन्हें मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से प्रदेश के हजारों दिव्यांगजन आत्मनिर्भर बन सकेंगे।