UP NEWS: लखनऊ में ट्रांसजेंडर समुदाय ने निकाली भव्य प्राइड परेड, कोई दुल्हन तो कोई सोनपरी की पोशाक में नजर आया!

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ रविवार को रंगों, संगीत और खुशियों से भर गई, जब ट्रांसजेंडर समुदाय ने अपने अधिकारों और समानता की मांग को लेकर भव्य प्राइड परेड निकाली। यह परेड अंबेडकर पार्क से 1090 चौराहे तक निकली और इसमें शामिल लोगों ने राहगीरों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया।


रंगों और संगीत से सजी परेड

सड़क पर ढोल-नगाड़ों की थाप, संगीत और नाचते-गाते लोगों का जोश देखने लायक था। कोई दुल्हन की तरह सजा था, तो कोई सोनपरी की पोशाक में चमक बिखेर रहा था। कुछ प्रतिभागी झिलमिलाती साड़ी में नजर आए, तो कुछ विदेशी परिधानों में अपनी पहचान और आत्मविश्वास का प्रदर्शन कर रहे थे। पूरे रास्ते में लोग अपनी गाड़ियां रोककर इस नज़ारे को देखने लगे।


समुदाय की एकजुटता का प्रदर्शन

इस परेड का आयोजन शिव ट्रांसजेंडर फाउंडेशन और ट्रांसजेंडर गौरव यात्रा समिति की ओर से किया गया था। इसमें LGBTQIA+ समुदाय — लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर, क्वीर, इंटरसेक्स और एसेक्सुअल लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। परेड के आयोजकों ने बताया कि इसका उद्देश्य ट्रांसजेंडर और समलैंगिक समुदाय के अधिकारों, सरकारी योजनाओं, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूकता फैलाना है।


नारे और जोश से गूंजी सड़कें

उमस भरे मौसम के बावजूद प्रतिभागियों का उत्साह कम नहीं हुआ। “हम भी इस देश के नागरिक हैं, समानता हमारा अधिकार है” जैसे नारों से लोहिया पार्क से लेकर 1090 चौराहे तक का इलाका गूंज उठा। करीब एक किलोमीटर लंबे इस जुलूस में लोग हाथों में रंग-बिरंगे झंडे लेकर आगे बढ़ते रहे।


सोनपरी के रैंप वॉक ने जीता दिल

अंबेडकर मैदान के पास परेड के दौरान सोनपरी की वेशभूषा में एक ट्रांसजेंडर ने रैंप वॉक किया, जिसे देखकर भीड़ तालियों की गड़गड़ाहट से झूम उठी। यह नज़ारा परेड का सबसे आकर्षक पल बन गया।


समाज में स्वीकृति की बढ़ती लहर

कार्यक्रम में विश्व हिंदू रक्षा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल राय ने कहा कि किन्नर समाज की समस्याओं के समाधान के लिए उनका संगठन उनके साथ है। उन्होंने केंद्र सरकार से किन्नर प्रकोष्ठ आयोग के गठन की मांग की, ताकि इस समुदाय को रोजगार और आवास जैसी बुनियादी सुविधाएं मिल सकें। वहीं महंत दिव्यागिरी ने कहा कि अब समाज बदल रहा है और लोग किन्नर समुदाय को स्वीकार कर रहे हैं। यह परेड इसी बदलाव का प्रतीक है।


समानता और स्वाभिमान का प्रतीक

लखनऊ की यह रंगीन प्राइड परेड न केवल ट्रांसजेंडर समुदाय की समानता और स्वाभिमान की आवाज़ बनी, बल्कि इसने यह भी साबित किया कि समाज धीरे-धीरे परिवर्तन और स्वीकृति की दिशा में आगे बढ़ रहा है।