Death of father and son: बाप का जनाजा उठने से पहले बेटे की निकल गई रूह , एक ही चिता पर जलीं दो लाशें, पूरा मोहल्ला गम में डूबा

Death of father and son: कई घंटे बाद जब बेटे पंकज को पिता की मौत की इत्तिला दी गई, तो जैसे उसकी दुनिया उजड़ गई।

बाप का जनाजा उठने से पहले बेटे की निकल गई रूह- फोटो : NEWS 4 NATION

Death of father and son:ऐसी दर्दनाक वारदात सामने आई है जिसने पूरे शहर को सदमे में डाल दिया। जहांगीराबाद के मोहल्ला जटियान में एक ही घर से बाप-बेटे की एक साथ अर्थी उठी। शनिवार की शाम को 62 वर्षीय मज़दूर राजेन्द्र प्रजापति ने बीमारी से लड़ते-लड़ते आख़िरी सांस ली। मगर कहानी यहीं खत्म नहीं हुई  पिता की मौत की ख़बर जब उनके बेटे पंकज तक पहुँची, तो बेटे के जिस्म ने भी रूह को ठहरने की मोहलत न दी।उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की घटना है।

कई घंटे बाद जब बेटे पंकज को पिता की मौत की इत्तिला दी गई, तो जैसे उसकी दुनिया उजड़ गई। बताया जा रहा है कि पंकज कुछ साल पहले एक हादसे में ज़ख़्मी हुआ था, तब से उसकी तबीयत अक्सर नासाज़ रहती थी। पिता की मौत का सदमा उसे ऐसा लगा कि उसका दिल बैठ गया। आंखों में आंसू और सीने में तूफ़ान लिए वह कुछ ही देर में बेहोश होकर गिर पड़ा। परिजन उसे आनन-फ़ानन में अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया।

ग़म का आलम यह था कि मोहल्ले में हर आंख नम थी, हर ज़ुबान खामोश। एक तरफ़ पिता का जनाज़ा, दूसरी तरफ़ बेटे की लाश दोनों की अर्थी एक साथ उठी। मातम से भरे माहौल में जब एक ही चिता पर बाप-बेटे को अग्नि दी गई, तो हवा तक सिसक उठी।

राजेन्द्र प्रजापति, जिनके हाथों ने ज़िंदगीभर मज़दूरी की, शायद ये सोच भी नहीं सकते थे कि उनकी मौत के ग़म में उनका जवान बेटा भी रुख़्सत हो जाएगा। घर की दीवारें अब खामोशी में डूबी हैं, मोहल्ले में सन्नाटा पसरा है। हर किसी की जुबां पर सिर्फ एक ही बात  “ऐसी मौत किसी दुश्मन को भी न मिले।”

यह वाक़या न सिर्फ़ बुलंदशहर बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक दर्दनाक मिसाल बन गया है  जहां बाप-बेटे की मोहब्बत ने मौत को भी मात दी, और एक साथ दोनों ने इस फ़ानी दुनिया को अलविदा कह दिया।