UP NEWS: लखनऊ एयरपोर्ट पर बैंकॉक से आए यात्रियों के पास से 16 लाख रुपये की सिगरेट जब्त
UP NEWS: लखनऊ एयरपोर्ट पर तस्करी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। इस बार तो मामला हैरान कर देने वाला है। बैंकॉक से आए तीन यात्रियों के पास से कस्टम अधिकारियों ने सिगरेट के कुल 97 हजार पैकेट जब्त किए, जिनकी भारतीय बाजार में कीमत लगभग 16.49 लाख रुपये आंकी गई है। कस्टम अधिकारियों के अनुसार, एयर एशिया की फ्लाइट एफडी146 से बैंकॉक से लखनऊ पहुंचे इन यात्रियों के बैग की स्कैनिंग के दौरान सिगरेट के पैकेट पकड़े गए। तस्करी के इरादे से सिगरेट की पैकिंग इस तरह की गई थी कि वह सामान्य जांच में आसानी से पकड़ी न जा सके। जब्त की गई गोल्ड फ्लेक ब्रांड की यह सिगरेट तीन बड़े बैगों में पाई गई थी। इनमें से पहले और दूसरे यात्री के बैग से 30-30 हजार पैकेट निकले, जिनकी कुल कीमत 11.20 लाख रुपये है। तीसरे यात्री के बैग से 37 हजार पैकेट बरामद हुए, जिनकी बाजार कीमत लगभग 6.29 लाख रुपये आंकी गई है।
पकड़े जाने के बाद यात्रियों की हुई पहचान
पकड़े गए यात्रियों में एक उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी का निवासी है, जबकि अन्य दो यात्रियों में से एक दिल्ली और दूसरा केरल का रहने वाला है। कस्टम विभाग द्वारा इन यात्रियों से पूछताछ की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि खाड़ी देशों से लखनऊ एयरपोर्ट पर तस्करी का माल आसानी से पहुंचता है, जिसका एक कारण कस्टम विभाग में स्टाफ की कमी भी है।
तस्करी में लाभ और नकली सिगरेट का कारोबार
सिगरेट की तस्करी में बड़े मुनाफे के कारण यह अवैध व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। आईटीसी इंडिया के अनुसार, गोल्ड फ्लेक ब्रांड की सिगरेट भारत के बाहर निर्मित नहीं होती, यानी तस्करी की सिगरेट नकली होती है। इन नकली सिगरेट में निम्न गुणवत्ता का तंबाकू और अन्य सामग्री इस्तेमाल की जाती है, जिससे इसकी लागत कम हो जाती है। इसके अलावा, कस्टम, जीएसटी और अन्य करों की चोरी के कारण भी यह सिगरेट बाजार में सस्ते दामों पर बेची जाती है।
कम लागत, अधिक मुनाफा
जब्त की गई सिगरेट की भारतीय बाजार में कीमत 16 लाख रुपये है, जबकि बैंकॉक में इसकी कीमत महज चार से पांच लाख रुपये के करीब हो सकती है। इस प्रकार, तस्करी से सीधे तीन से चार गुना तक का मुनाफा होता है।
सुरक्षा में सुधार की आवश्यकता
इस मामले से लखनऊ एयरपोर्ट पर कस्टम अधिकारियों और सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता सामने आई है ताकि तस्करी पर अंकुश लगाया जा सके। पिछले कुछ दिनों में सुरक्षा खामियों के कारण कई स्मगलर अधिकारियों से बचकर निकलने में कामयाब हुए हैं, जो कस्टम और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की मांग को रेखांकित करता है।