Maha Kumbh 2025: 60 लाख श्रद्धालुओं ने किया पहला स्नान, भक्तों की लगी लंबी कतार, 12 किमी चलकर संगम की तरफ बढ़ रहे लोग

महाकुंभ की सुरक्षा और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए 60 हजार से अधिक जवान तैनात किए गए हैं।

Maha Kumbh 2025: 60 लाख श्रद्धालुओं ने किया पहला स्नान, भक्तों की लगी लंबी कतार, 12 किमी चलकर संगम की तरफ बढ़ रहे लोग
महाकुंभ 2025 का शुभारंभ- फोटो : social media

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ 2025 का शुभारंभ हो चुका है और आज पौष पूर्णिमा के अवसर पर पहला पवित्र स्नान हो रहा है। आस्था का यह महासंगम लाखों श्रद्धालुओं को संगम पर एकत्रित कर रहा है। सुबह साढ़े 9 बजे तक लगभग 60 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में डुबकी लगाई है, और यह आंकड़ा दिन के अंत तक 1 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।

12 किमी में फैले स्नान घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़

महाकुंभ का आयोजन 12 किलोमीटर के क्षेत्र में फैले स्नान घाटों पर हो रहा है, जहां हर घंटे संगम में लगभग 2 लाख श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण चारों ओर भक्तिमय माहौल बन गया है। आज से श्रद्धालु 45 दिनों के कल्पवास की शुरुआत भी करेंगे, जो आध्यात्मिक साधना और आत्मशुद्धि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।

संगम की ओर उमड़ी भक्तों की भीड़

संगम पर एंट्री के सभी रास्ते श्रद्धालुओं से भरे हुए हैं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वाहनों की एंट्री को बंद कर दिया गया है, जिससे श्रद्धालु 10-12 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करके संगम तक पहुंच रहे हैं। भारी ठंड के बावजूद, श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हो रहा है, और यहां तक कि विदेशी भक्त भी इस आस्था के महापर्व में भाग ले रहे हैं। ब्राजील से आए एक श्रद्धालु फ्रांसिस्को ने कहा, "मैं योग का अभ्यास करता हूं और मोक्ष की खोज में हूं। भारत दुनिया का आध्यात्मिक हृदय है। जय श्रीराम।"

सुरक्षा और व्यवस्था के लिए तैनात 60 हजार जवान

महाकुंभ की सुरक्षा और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए 60 हजार से अधिक जवान तैनात किए गए हैं। जगह-जगह पुलिस कर्मी स्पीकर के माध्यम से भीड़ को नियंत्रित कर रहे हैं, जबकि कमांडो और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान भी सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे हैं।

स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स भी पहुंची महाकुंभ

महाकुंभ के इस पवित्र अवसर पर एप्पल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स भी पहुंची हैं। उन्होंने निरंजनी अखाड़े में विशेष अनुष्ठान किया और कल्पवास भी करेंगी। उनके आगमन ने महाकुंभ की भव्यता को और भी बढ़ा दिया है।

महाकुंभ का खगोलीय महत्व

इस वर्ष का महाकुंभ 144 साल में होने वाले दुर्लभ खगोलीय संयोग के अंतर्गत हो रहा है, जो इसे और भी विशेष बनाता है। इस अवसर को और भी खास बनाने के लिए गूगल ने एक विशेष फीचर शुरू किया है, जहां महाकुंभ टाइप करते ही वर्चुअल फूलों की बारिश पेज पर दिखाई दे रही है। यह महाकुंभ न केवल आस्था और श्रद्धा का महोत्सव है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का अद्वितीय प्रतीक भी है। भक्तों की यह विशाल भीड़ दर्शाती है कि आस्था की ताकत और आध्यात्मिकता का आकर्षण न केवल भारत में बल्कि विश्वभर में फैला हुआ है।

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