Mahakumb 2025: महाकुंभ में पिंडदान कर 1800 से अधिक साधु बनेंगे नए नागा, मौनी अमावस्या को जननांग की नस खींची जाएगी

महाकुंभ 2025 के अवसर पर, मौनी अमावस्या से पूर्व, विभिन्न अखाड़ों में 1800 से अधिक साधुओं को नागा बनाया जाएगा। जूना अखाड़े में आरंभ हो चुकी है। मौनी अमावस्या के दिन जननांग की नस को खींचा जाएगा।

Mahakumb 2025

Mahakumb 2025:  महाकुंभ 2025 के दौरान, मौनी अमावस्या से पहले, विभिन्न अखाड़ों में 1800 से अधिक साधुओं को नागा बनाया जाएगा। यह प्रक्रिया विशेष रूप से जूना अखाड़े में शुरू हो चुकी है। नागा साधु बनने की प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण धार्मिक संस्कार है, जिसमें साधुओं को आधिकारिक रूप से नागा संन्यासी के रूप में स्वीकार किया जाता है।

दीक्षा की प्रक्रिया

पर्ची कटने की शुरुआत: नागा साधुओं के लिए पर्ची कटने का कार्य शुरू हो चुका है। यह प्रक्रिया मौनी अमावस्या से पहले सभी प्रमुख अखाड़ों में लागू होगी, जिसमें सातों शैव और दोनों उदासीन अखाड़े शामिल हैं।

चोटी काटने की रस्म

 जूना अखाड़े में नए साधुओं की चोटी काटने का कार्य प्रारंभ हो गया है। चोटी काटने के बाद, साधु सामाजिक जीवन में वापस नहीं लौट सकते हैं। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो उनके नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक है।

108 डुबकी और अन्य अनुष्ठान

नागा बनने के लिए, साधुओं को गंगा नदी में 108 डुबकी लगानी होती है। इसके बाद क्षौर कर्म (बाल कटवाना) और विजय हवन किया जाता है। इस दौरान पांच गुरु उन्हें अलग-अलग वस्त्र प्रदान करते हैं।

संस्कार का समापन

 दीक्षा समारोह 19 जनवरी 2025 को लंगोटी खोलकर संपन्न होगा। इस दिन नवदीक्षित नागा अपने पहले अमृत स्नान के लिए तैयार होंगे।

अन्य अखाड़ों में दीक्षा


 जूना अखाड़े के बाद, निरंजनी और महानिर्वाणी अखाड़ों में भी इसी प्रकार की दीक्षा प्रक्रियाएँ आयोजित की जाएंगी।

इस प्रकार, महाकुंभ 2025 में नागा साधुओं का निर्माण एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक घटना है, जो न केवल साधुओं के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती है।


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