Crime News: फरजाना का फसाना, बांग्लादेशी ममून का लव-टूरिज़्म से लेकर फर्जी दस्तावेज़ों तक का खेल, रीना का धर्मांतरण और पुलिस के हाथ लगा ये बड़ा सुराग

Crime News: बांग्लादेशी नागरिक अब्दुल ममून की गिरफ्तारी के बाद जो खुलासा सामने आया है, उसने पुलिस को हैरान कर दिया है....

बांग्लादेशी ममून का लव-टूरिज़्म से रीना का धर्मांतरण और पुलिस के हाथ लगा ये बड़ा सुराग- फोटो : NEWS 4 NATION AI

Crime News:  बांग्लादेशी नागरिक अब्दुल ममून की गिरफ्तारी के बाद जो खुलासा सामने आया है, उसने उत्तराखंड पुलिस, सुरक्षा एजेंसियों और जांच तंत्र सभी को चौकन्ना कर दिया है। तफ्तीश में पता चला कि ममून ने त्यूणी निवासी रीना चौहान को बांग्लादेश ले जाकर धर्मांतरण कराया और उसका नया नाम रखा फरजाना अख़्तर। इसी नाम से वहां निकाह भी हुआ, और इसके लिए बाकायदा फर्जी दस्तावेज़ तैयार कराए गए। दून पुलिस को बांग्लादेशी एजेंसियों से ये दस्तावेज़ प्राप्त हो चुके हैं, जिससे मामले में अब धर्मांतरणरोधी अधिनियम की धाराएँ भी जुड़ सकती हैं।

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि बांग्लादेश से आए दस्तावेजों में ‘फरजाना अख़्तर’ के नाम से जारी पहचान-पत्र मिला है, लेकिन उसकी तस्वीर रीना चौहान की है।

पूरा मामला 2019 में तब शुरू हुआ जब फेसबुक के माध्यम से ममून की दोस्ती त्यूणी की विवाहित महिला रीना चौहान से हुई। दोस्ती धीरे-धीरे प्रेम में बदली और रीना ने अपना घर-परिवार छोड़ दिया। इसके बाद ममून टूरिस्ट वीज़ा लेकर 2019, 2020 और 2021 में कई बार दून आया और दोनों पति-पत्नी की तरह रहने लगे।

इसी दौरान दोनों का संपर्क रायपुर निवासी खुशबू आलम उर्फ़ मंजू दीदी से हुआ। मंजू ने पूरी जानकारी लेकर ममून के लिए सचिन चौहान यानी रीना के छोड़े गए पति के नाम से नकली दस्तावेज़ तैयार कराए।मतदाता पहचान पत्र, आधार, पैन… सब कुछ फर्जी नाम से तैयार हो गया। तीन साल तक ममून दून में ‘सचिन चौहान’ बनकर रहा और पुलिस को भनक तक नहीं लगी।

2021-22 में ममून चोरी-छिपे वापस बांग्लादेश गया। अब जांच में यह साबित हुआ है कि सबसे पहले दोनों के लिए मतदाता पहचान पत्र वर्ष 2021 में ब्राह्मणवाला खाला, सहस्रधारा रोड, कंडोली पते पर बनवाया गया। निर्वाचन कार्यालय से इन दस्तावेजों की सत्यापन प्रक्रिया और तैयारी के तरीक़े की जानकारी मांगी गई है—ये कार्ड ऑनलाइन बने या ऑफ़लाइन, यह भी जांच का हिस्सा है।

सूत्रों के अनुसार, वोटर कार्ड बनवाने के लिए 15 हजार रुपये में पूरा काम मंजू दीदी ने ही करवाया था। पुलिस जल्द ही उससे पूछताछ कर सकती है।साथ ही, ममून के आधार कार्ड से लिंक बैंक खाते, मोबाइल नंबर, और अन्य दस्तावेज़ों की जांच भी तेज कर दी गई है।पूरा मामला अब सिर्फ़ लव स्टोरी नहीं, बल्कि फर्जी पहचान, सीमा-पार नेटवर्क और धर्मांतरण का संगठित खेल बनकर सामने आ रहा है।