एक्शन मोड में नगर निगम: मंगलवार को मांस-मछली बेची तो होगी कानूनी कार्रवाई, दुकानें होंगी सील

नगर निगम क्षेत्र में हर मंगलवार सभी नॉनवेज दुकानें बंद रहेंगी. आदेश का उल्लंघन करने पर जुर्माने के साथ दुकान सील की कार्रवाई की जाएगी.नगर निगम का कहना है कि यह निर्णय धार्मिक भावनाओं के सम्मान और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है.

एक्शन मोड में नगर निगम: मंगलवार को मांस-मछली बेची तो होगी कानूनी कार्रवाई, दुकानें होंगी सील- फोटो : NEWS 4 NATION

नगर निगम ने धार्मिक आस्था और जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा निर्णय लिया है। नए साल (2026) से नगर निगम क्षेत्र के भीतर आने वाली सभी मांस और मछली की दुकानें हर मंगलवार को अनिवार्य रूप से बंद रहेंगी। नगर निगम प्रशासन का मानना है कि यह फैसला सामाजिक सौहार्द बनाए रखने और स्थानीय लोगों की धार्मिक मान्यताओं के प्रति सम्मान प्रकट करने के उद्देश्य से लिया गया है।


महापौर की दुकानदारों को सख्त हिदायत

देवभूमि उत्तराखंड के रुद्रपुर के महापौर विकास शर्मा ने शहर के मीट और मछली विक्रेताओं के साथ एक विशेष बैठक कर इस आदेश की जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि नए वर्ष की शुरुआत के साथ ही नगर निगम सीमा में आने वाली सभी नॉनवेज दुकानें पूरी तरह बंद रखी जाएंगी। यह आदेश विशेष रूप से शहर के मुख्य बाजारों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में कड़ाई से लागू किया जाएगा, ताकि आदेश का व्यापक असर दिखे।

नियम तोड़ने पर दुकान होगी सील

नगर निगम ने इस आदेश को प्रभावी बनाने के लिए सख्त दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान भी किया है। महापौर ने चेतावनी दी है कि यदि कोई दुकानदार मंगलवार को चोरी-छिपे या खुलेआम दुकान संचालित करता पाया गया, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। इतना ही नहीं, नियमों का बार-बार उल्लंघन करने की स्थिति में दुकान को सील करने की कार्रवाई भी की जाएगी। इसके लिए निगम की विशेष टीमें नियमित निरीक्षण करेंगी।

फैसले पर मिली-जुली प्रतिक्रिया

इस ऐतिहासिक फैसले के बाद शहर में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। जहाँ एक ओर विभिन्न धार्मिक संगठनों और श्रद्धालुओं ने इस कदम का जोरदार स्वागत किया है, वहीं दूसरी ओर मांस व्यापारियों में कारोबार को लेकर चिंता है। व्यापारियों का तर्क है कि सप्ताह में एक दिन पूरी तरह काम बंद रहने से उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है। अब देखना यह है कि नए साल से इस आदेश का जमीनी स्तर पर कितना कड़ाई से पालन होता है।