Police News: यूपी पुलिस बनाम कोलकाता पुलिस, फ्लैट छापेमारी में टकराव, तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता गिरफ्तार

Police News: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक विवादास्पद छापेमारी ने पुलिस अधिकारियों के बीच टकराव को जन्म दे दिया।

यूपी पुलिस बनाम कोलकाता पुलिस, फ्लैट छापेमारी में टकराव, तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता गिरफ्तार- फोटो : NEWS 4 NATION

Police News: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक विवादास्पद छापेमारी ने पुलिस अधिकारियों के बीच टकराव को जन्म दे दिया। उत्तर प्रदेश पुलिस की टीम धोखाधड़ी के मामले में तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता बिभास अधिकारी और उनके बेटे को गिरफ्तार करने के लिए कोलकाता के बेलियाघाटा इलाके में एक फ्लैट में गई थी।

मामला उस फ्लैट से जुड़ा है, जहां कथित तौर पर फर्जी पुलिस थाना संचालित किया जा रहा था। नोएडा पुलिस की टीम ने फ्लैट की तलाशी लेने का प्रयास किया, लेकिन बेलियाघाटा पुलिस ने दावा किया कि उनके पास फ्लैट की चाबी नहीं है। नोएडा पुलिस ने ताला तोड़कर फ्लैट में प्रवेश करने की कोशिश की, जिससे दोनों पुलिस बलों के बीच विवाद बढ़ गया और तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई।

इस छापेमारी में बिभास अधिकारी और उनके बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया, जो कथित तौर पर लोगों को धोखाधड़ी में फंसाने और फर्जी थाना बनाने के आरोप में शामिल थे। हालांकि, विवाद का मामला अदालत के हस्तक्षेप के बाद सुलझा और दोनों पक्षों के बीच टकराव खत्म हुआ।

एक अधिकारी के अनुसार, फ्लैट बेलियाघाटा थाने के ठीक सामने स्थित था और यह छापेमारी पिछले महीने की गई थी। नोएडा पुलिस ने जोर देकर कहा कि चाबी स्थानीय थाने के पास रखी हुई है, लेकिन बेलियाघाटा पुलिस ने इसे अस्वीकार किया। नोएडा टीम ने ताला तोड़ने का फैसला किया, जिससे दोनों बलों के बीच खिंचतान हुई।

यह घटना न केवल राज्य पुलिस के बीच समन्वय की कमी को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामलों में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच तनाव किस हद तक बढ़ सकता है।

अब सवाल यह है कि ऐसे मामलों में राज्यों के बीच समन्वय और कानून के पालन को कैसे सुनिश्चित किया जाए ताकि राजनीतिक दबाव और स्थानीय अधिकार क्षेत्र के झगड़े जांच की प्रक्रिया को प्रभावित न करें।