Nitin Gadkari Statement: अगर ज्यादा मुसलमान...नितिन गडकरी के बयान की क्यों हो रही चर्चा, जानिए ऐसा क्या कहा
Nitin Gadkari Statement: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुसलमानों को लेकर बयान दिया है। जिससे चर्चा के बाजार गरम हैं, आइए जानते हैं गडकरी ने क्या कहा है...?

Nitin Gadkari Statement: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सार्वजनिक मंच से जाति और धर्म से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने से परहेज करने की अपनी नीति को दोहराया। उनका मानना है कि नेताओं को केवल विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, अगर मुस्लिम समुदाय से अधिक IAS-IPS अधिकारी निकलते हैं तो यह फायदेमंद होगा। उनके इस बयान पर चर्चा तेज है।
धर्म या राजनीति के आधार पर भेदभाव नहीं
नागपुर के ननमुदा संस्थान के दीक्षांत समारोह में बोलते हुए गडकरी ने कहा, "हम कभी धर्म या राजनीति के आधार पर भेदभाव नहीं करते। मैं राजनीति में हूं और यहां कई तरह की बातें होती हैं, लेकिन मैंने तय किया है कि मैं अपने सिद्धांतों पर कायम रहूंगा। मैं इस बारे में नहीं सोचूंगा कि कौन मुझे वोट देगा और कौन नहीं।"
जाति को लेकर स्पष्ट रुख
केंद्रीय मंत्री ने जातिगत राजनीति पर अपनी स्पष्ट राय रखते हुए कहा, "मेरा इस मुद्दे पर पुराना नारा है—जो करेगा जाति की बात, उसको मारूंगा लात।" उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्होंने चुनाव हारने और मंत्री पद खोने का जोखिम उठाकर भी इस विचारधारा को कायम रखा है।
"मुस्लिम समुदाय से अधिक इंजीनियर, डॉक्टर बनने चाहिए"
शिक्षा को सामाजिक विकास का अहम हिस्सा बताते हुए गडकरी ने कहा कि उन्होंने अंजुमन-ए-इस्लाम संस्थान (नागपुर) में इंजीनियरिंग कॉलेज की अनुमति दिलाने में योगदान दिया। उन्होंने कहा, "मुझे महसूस हुआ कि मुस्लिम समाज को इस अवसर की जरूरत है। अगर इस समुदाय से ज्यादा से ज्यादा इंजीनियर, डॉक्टर, आईपीएस और आईएएस अधिकारी निकलते हैं, तो यह पूरे समाज के विकास के लिए फायदेमंद होगा।"
अब्दुल कलाम का दिया उदाहरण
गडकरी ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए कहा कि शिक्षा से जीवन और समाज बदल सकते हैं। उन्होंने बताया कि आज हजारों छात्र अंजुमन-ए-इस्लाम संस्थान के तहत इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं, और अगर उन्हें यह अवसर नहीं मिलता, तो उनका भविष्य अधूरा रह जाता। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि, "शिक्षा की शक्ति ही समाज को आगे ले जाने का सबसे बड़ा साधन है"।