Bihar Education Department: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने राज्य के सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए कई कड़े कदम उठाए हैं। इन कदमों का उद्देश्य विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करना, विद्यालयों की भौतिक संरचना में सुधार करना और शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाना है।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ को लगातार शिकायत मिल रही थी कि विद्यालयों के निरीक्षण में पदाधिकारी लापरवाही बरत रहे है. अब डॉ सिद्धार्थ ने सख्त रुख अपना लिया है. विद्यालयों के निरीक्षण में लापरवाही बरतने वाले अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण में लापरवाही बरतने वाले आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को बर्खास्त किया जाएगा। यदि विद्यालयों की स्थिति में सुधार नहीं होता है तो जिला शिक्षा पदाधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। शिक्षकों और छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य किया गया है। शिक्षकों की नियुक्ति में आरक्षण का सख्ती से पालन किया जाएगा।
इसके साथ ही, शिक्षा विभाग ने उन शिक्षकों के खिलाफ भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है जो सरकारी विद्यालयों में ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं करते हैं। अक्टूबर महीने का वेतन अब केवल ऑनलाइन उपस्थिति के आधार पर दिया जाएगा।
आने वाले समय में बिहार सरकार शिक्षा व्यवस्था में और सुधार लाने के लिए नए-नए कदम उठाती रहेगी। इन कदमों से राज्य के सरकारी विद्यालयों की छवि में सुधार होगा और वे निजी विद्यालयों के बराबर खड़े हो सकेंगे।