Bihar bhojpur news: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत भोजपुर जिले में पहला आवेदन दर्ज हुआ है। यह आवेदन बिहार में पहली बार आया है और इसकी विधिवत जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जांच पूरी होने के बाद संबंधित व्यक्ति को नागरिकता प्रमाणपत्र सौंपा जाएगा। इस अधिनियम के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश, और अफगानिस्तान से प्रताड़ित हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।
आवेदन की गोपनीयता सुनिश्चित
भारतीय डाक विभाग के भोजपुर डिविजन के प्रधान डाकघर, आरा में यह पहला आवेदन प्राप्त हुआ है। आवेदनकर्ता की पहचान और पत्र की उत्पत्ति को गोपनीय रखा गया है। जांच प्रक्रिया पूरी होने और उच्च समिति से मंजूरी मिलने के बाद ही आवेदन के बारे में अधिक जानकारी साझा की जाएगी।
पहली बार दी गई 14 लोगों को नागरिकता
देश में पहली बार नागरिकता (संशोधन) अधिनियम या सीएए के तहत 14 लोगों को नागरिकता प्रमाण पत्र का पहला सेट जारी किया गया था। केंद्र द्वारा इसे अधिसूचित करने के लगभग दो महीने बाद, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू की गई। . सीएए के तहत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों के लिए नागरिकता आवेदन की योग्यता अवधि 11 से घटाकर 5 वर्ष कर दी गई है।
केंद्रीय गृह सचिव श्री अजय कुमार भल्ला ने दिल्ली में आवेदकों को नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपे और सीएए की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डाला। संवाद सत्र के दौरान सचिव डाक, निदेशक (आईबी), भारत के रजिस्ट्रार जनरल और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
CAA के तहत आवेदन की शर्तें
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत नागरिकता पाने के लिए आवेदकों को कुछ विशेष शर्तें पूरी करनी होंगी:
आवेदक को 31 दिसंबर 2014 या उससे पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश, या अफगानिस्तान से भारत आना चाहिए।
आवेदक हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई समुदाय से होना चाहिए।
2008 से 31 दिसंबर 2014 के बीच आवेदक को कम से कम छह वर्षों तक भारत में कानूनी रूप से निवास और कार्य करना चाहिए।
भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में बताई गई भाषाओं में से किसी एक की जानकारी होना अनिवार्य है।
वैध या समाप्त हो चुका पासपोर्ट, आईडी कार्ड और जमीन किरायेदारी रिकॉर्ड जैसे दस्तावेज जरूरी हैं।
नागरिकता प्रक्रिया का प्रारंभिक चरण
चीफ पोस्टमास्टर जनरल अनिल कुमार ने बताया कि यह आवेदन भारतीय डाक विभाग द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू करने के अंतर्गत प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि संबंधित आवेदन की जांच विभागीय और उच्च स्तरीय समितियों द्वारा की जाएगी। आवश्यक दस्तावेजों और शर्तों की पूर्ति के बाद ही नागरिकता प्रदान की जाएगी।
डाक विभाग की अन्य योजनाओं की जानकारी
अनिल कुमार ने डाक विभाग द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि डाक विभाग 200 से अधिक योजनाएं चला रहा है, जिनका लाभ आम लोग नजदीकी डाकघर में जाकर उठा सकते हैं।