PATNA - पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और अफगानिस्तान से प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारत की नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) की अधिसूचना जारी होने के बाद बिहार में पहला आवेदन आया है। यह आवेदन भोजपुर के डाक विभाग में भेजा गया है। हालांकि आवेदन किसने भेजा है, इसकी जानकारी गुप्त रखी गई है। जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसके बारे में बताया जाएगा। जांच पूरी होने के बाद सिटीजनशिप सर्टिफिकेट सौंपे जाएंगे।
सीएए के तहत नागरिकता के लिए आए बिहार के पहले आवेदन की जानकारी खुद चीफ पोस्टमास्टर जनरल अनिल कुमार ने दी है। वह आरा मेंभारतीय डाक विभाग के द्वारा नोडल डिलीवरी सेंटर, आरा के नए भवन के लोकार्पण में पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम डाक विभाग के द्वारा लागू किया जा रहा है। बिहार में अब तक आवेदन नहीं आए थे। भोजपुर डिवीजन से पहला आवेदन आया है। इसकी जांच शुरू कर दी गई है। हमारी कमेटी आवेदन के एग्जामिन करेंगी। उसके बाद हायर कमेटी उसे अप्रूव करेगी। जब अप्रूवल हो जाएगा,उसके बाद डिस्क्लोज किया जाएगा।
नागरिकता हासिल करने के लिए इन शर्तों का करना होगा पालन
बता दें कि सीएए के तहत 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आ चुके पाकिस्तान,बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को बिना वैध दस्तावेज और पासपोर्ट के भी भारतीय नागरिकता मिल सकती है। भारतीय नागरिकता के लिए 6 साल यानी 2008 से 2014 तक रहना होगा। साथ ही आवेदक को हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, या ईसाई समुदाय से होना चाहिए।
भारतीय भाषा की होनी चाहिए जानकारी
वहीं आवेदक को भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में बताई गई भाषाओं में से किसी एक में अच्छी जानकारी होनी चाहिए। आवेदक के पास वैध या समाप्त हो चुका पासपोर्ट, आईडी कार्ड, और ज़मीन किरायेदारी रिकॉर्ड जैसे जरूरी दस्तावेज होने चाहिए।