ARWAL : असम में शहीद हुए सेना के सूबेदार अमरेश कुमार का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव अरवल जिले के कुर्था प्रखंड क्षेत्र स्थित मेरोगंज गांव में किया गया। शहीद की वीरता और बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए उनके अंतिम संस्कार की तैयारी पूरे सम्मान के साथ की गई। शहीद की अंतिम यात्रा की शुरुआत उस समय हुई जब सेना का वाहन उनके पार्थिव शरीर को लेकर किंजर पहुंचा। जहां कुर्था थानाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार ने रिसीव किया।
किंजर पहुंचने पर सैकड़ों की संख्या में युवा तिरंगा लिए हुए भारत माता की जय, शहीद अमरेश अमर रहे का नारा लगा रहे थे। जगह-जगह पर शहीद अमरेश कुमार का पोस्टर एवं तिरंगा झंडा लगाया गया था। जगह-जगह युवाओं के साथ ही महिलाओं और स्कूली बच्चों की भी भीड़ देखी गई। हर कोई शहीद अमरेश कुमार को अंतिम विदाई देना चाहते थे। उनके पार्थिव शरीर की एक झलक देखना चाहते थे। युवाओं में शहीद अमरेश अमर रहे का नारा गूंज रहा था। यह दृश्य गांव में भावनात्मक और शोकपूर्ण था। गांव में जब सेना का वाहन पहुंचा, तो वहां शोक का माहौल छा गया। लोग अपने आंखों में आंसू लिए हुए थे और हर तरफ अमरेश कुमार अमर रहे,भारत माता की जय के नारे गूंज रहे थे।
अंतिम संस्कार के दौरान शहीद के पुत्र करण कुमार ने उन्हें मुखाग्नि दी। जो उनके परिवार के लिए एक अत्यंत भावुक और कठिन क्षण था। इस दुखद अवसर पर सेना के अधिकारी श्री प्रसाद राई और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित थे, जिन्होंने शहीद को अंतिम विदाई दी और उनके परिवार को सांत्वना प्रदान की। गांव में पार्थिव शरीर पहुंचने से पहले किंजर पहुंचने पर युवाओं ने बाइक रैली निकालकर शहीद जवान अमरेश कुमार को श्रद्धांजलि दी और भारत माता की जय,अमरेश कुमार अमर रहे के नारे लगाए शहीद जवान की अंतिम यात्रा में हर किसी की आंखें नम थीं। इस दौरान काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। बुधवार सुबह 10 बजे शहीद का पार्थिव शरीर जब उनके पैतृक गांव मेरोगंज पहुंचा तो पूरा माहौल गमगीन हो गया। ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी गया के कमांड ऑफिसर सूबेदार श्री प्रसाद राई ,सांसद सुरेन्द्र प्रसाद यादव,विधायक बागी कुमार वर्मा,कुर्था थानाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार, बीडीओ निशा कुमारी,अपर थानाध्यक्ष शमशेर आलम सहित कई जनप्रतिनिधियों द्वारा उन्हें राजकीय सम्मान के साथ गार्ड आफ ऑनर दिया गया। जनप्रतिनिधियों सहित अधिकारियों ने बारी-बारी से पुष्प अर्पित कर शहीद को श्रद्धांजलि दी। अमरेश कुमार के अंतिम संस्कार में पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ उनके योगदान को याद किया गया। वे अपने पीछे पत्नी बेटा और दो पुत्री को छोड़ गए।
बता दें की कुर्था के मेरोगंज गांव निवासी अमरेश कुमार 618 बटालियन एयर डिफेंस गण मिसाईल यूनिट थल सेना के मिशा कैंप असम में सूबेदार के पद पर तैनात थे। 12 अक्टूबर को उनकी ड्यूटी के दौरान अचानक तबियत खराब हो गई। जिसके बाद मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां उनका 13 अक्तूबर को इलाज के क्रम में मौत हो गई थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार वे 28 दिसंबर 1995 में सेना में भर्ती हुए थे।
अरवल से कुंदन की रिपोर्ट