Bihar Government School: बिहार में स्मार्ट मीटर लगाने के काम तेजी हो रहा है। सरकार हर जिले के हर घर में स्मार्ट मीटर लगवा रही है। इसी कड़ी में बेगूसराय के हेडमास्टर ने भी अपने विद्यालय में स्मार्ट मीटर लगवाया। लेकिन हेडमास्टर साहब स्मार्ट मीटर लगाकर ऐसे फंसे हैं कि अब वो बिजली विभाग का चक्कर लगा रहे हैं। दरअसल, स्मार्ट मीटर रिचार्ज रहने पर ही बिजली की सेवा मिल पाती है और विद्यालय में स्मार्ट मीटर के रिचार्ज के लिए राशि नहीं है जिससे बिजली की सेवा बंद हो गई है। बिजली कट जाने से अब विद्यालय संचालन और पठन-पाठन कार्य पर असर हो रहा है। वहीं स्कूल के प्रार्चाय इसे ठीक कराने के लिए बिजली विभाग के चक्कर लगा रहे हैं।
स्मार्ट मीटर लगवाना पड़ा महंगा
दरअसल, यह मामला बेगूसराय के चेरिया बरियारपुर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों का है। जहां विगत दिनों स्मार्ट मीटर लगा दिया गया। वहीं सोमवार को नार्थ बिहार पावर सब स्टेशन कार्यालय का चक्कर लगा रहे मध्य विद्यालय श्रीपुर के प्रधानाध्यापक नीरज राय, उच्च माध्यमिक विद्यालय मेहदा शाहपुर, बसौना घाट के प्रधानाध्यापक अरुण भारती, उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय मेहदा शाहपुर के प्रधानाध्यापक आदित्य कुमार आदि ने कनीय अभियंता शुभम कुमार से मिलकर इसकी लिखित शिकायत की।
बिजली विभाग के काट रहे चक्कर
विद्यालय प्राचार्यों ने कहा कि, पिछले चार दिनों से छठ महापर्व को लेकर स्कूल बंद था। वहीं एक बार फिर सोमवार को विद्यालय खुला तो बिजली की आपूर्ति बाधित थी। स्मार्ट मीटर लगाते समय वहां मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि विद्यालय का मीटर आटोमेटिक रिचार्ज होगा तथा बिजली की आपूर्ति बाधित नहीं होगी। इस दौरान कनीय अभियंता ने तत्काल सेवा प्राप्त करने के लिए स्मार्ट मीटर पर लगे बटन को थोड़ी देकर दबाकर प्राप्त कर लेने की सलाह दी। हालांकि उन्होंने बताया इसके माध्यम से मात्र 24 घंटे ही बिजली मिल सकेगी।
कैसे काम करता है स्मार्ट मीटर
वहीं प्रधानाध्यापक ने बताया कि कि इस संबंध में आवेदन ईमेल के माध्यम से वरीय अधिकारी को भेजा गया है। अगर बात करें कि स्मार्ट मीटर कैसे काम करता है तो स्मार्ट मीटर अपने आप बिजली की खपत की रीडिंग लेता है,जिससे मैनुअल रीडिंग की जरूरत नहीं होती। स्मार्ट मीटर से उपभोक्ता अपनी बिजली की खपत को रियल-टाइम में देख सकते हैं। स्मार्ट मीटर से उपभोक्ता अपनी बिजली की खपत को कम कर सकते हैं और बिजली की बचत कर सकते हैं। स्मार्ट मीटर से बिजली का बिल ऑटोमैटिक बनता है, जिससे बिल भुगतान में आसानी होती है। स्मार्ट मीटर से बिजली विभाग अपनी वेबसाइट या मोबाइल ऐप से उपभोक्ताओं की बिजली की खपत की निगरानी कर सकता है। साथ ही स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी को रोकने में मदद मिलती है।
स्मार्ट मीटर का हो रहा विरोध
हालांकि बिहार में स्मार्ट मीटर का लोग विरोध कर रहे हैं। कई लोग अपने घरों में स्मार्ट मीटर नहीं लगवाना चाह रहे हैं। स्मार्ट मीटर को लेकर कई दफा विपक्ष ने भी विरोध प्रदर्शन किया है। विपक्ष स्मार्ट मीटर को चीटर मीटर कहता है। विपक्ष का दावा है कि स्मार्ट मीटर लगावा कर सरकार जनता को लूट रही है। वहीं आए दिन स्मार्ट मीटर से लोगों को अलग अलग परेशानियों का भी सामना करना पड़ा रहा है।
जागृति की रिपोर्ट