Bihar News: बिहार में इन दिनों पैक्स चुनाव का धूम है। इसको लेकर लगभग हर पंचायत में चुनाव की सरगर्मी तेज है। बेगूसराय के विभिन्य पंचायतों में भी उम्मीदवार अपना कैंपेन चला रहे है। यह अलग बात है कि किसकी जीत होगी और किसकी हार। बात अगर सदर प्रखंड के नीमचंदपुरा पैक्स की करे तो यह बेगूसराय का हॉट सीट माना जाता है। यह इलाका सहनी बाहुल्य क्षेत्र है जहां इस सीट पर सहनी समाज का कब्जा रहा है। इसलिए इस सीट हॉट सीट माना जाता है जहां इस वार सहनी समाज भरसेस दूसरे जाती के उम्मीदवार के बीच दिलचस्प मुकाबला होने की उम्मीद है। सदर प्रखंड के अधीन आने वाले इस पैक्स चुनाव में लड़ाई पंद्रह साल बनाम नए उमीदवार के बीच है। अन्य चुनाव की तरह ही हर उम्मीदवार अपनी अपनी जीत के लिए जोर आजमाईश में लगे है। वही इस वार के पैक्स चुनाव में कास्ट फैक्टर को अपना वोट बैंक मानने वाले दूसरे उम्मीदवार के लिए इस बार राह मुश्किल दिख रहा है। जिसकी चर्चा इलाके में हो रही है। चांदपुर पैक्स का वोटिंग तीन दिसंबर को होना है और कुल तीन उम्मीदवार मैदान में है। तीन उम्मीदवारो में एक उम्मीदवार जहां प्रमोद सहनी है जो पिछले पंद्रह साल से इस पद पर चुनाव जीतने आ रहे है। वही दुसरे उम्मीदवारों में विजय कुमार और नवीन कुमार शामिल है। तीनो ही उम्मीदवारों के अपने अपने मुद्दे है अपना अपना योजना। पर इस वार पलड़ा विजय कुमार जिनका चुनाव चिन्ह किताब छाप है का भारी देखने को मिल रहा है जिसके समर्थन में पूर्व और वर्तमान अध्यक्ष के साथ पूर्व मुखिया सुरेंद्र सहनी और समाज के अन्य गण्यमान्य लोग शामिल दिखाई पड़ रहा है। विजय कुमार की छवि समाज में साफ सुथरी और अच्छे नागरिक की है। इस लिए मुख्य मुकाबला विजय कुमार और प्रमोद सहनी के बीच होने की उम्मीद है। दिलचस्प इस मुकाबले में विजय कुमार के साथ जनप्रतिनिधियों की एक लंबी फौज है ।
वही पिछले पंद्रह सालों से इस पद पर काबिज रहने वाले प्रमोद सहनी पर विजय कुमार के समर्थक हमलावर है और इनका आरोप है कि प्रमोद सहनी पिछले पंद्रह सालों में कोई काम नहीं किया है। प्रमोद सहनी भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे हुए है और इनके द्वारा न तो किसानो को एक बोड़ा खाद दिया गया है न ही कोई काम किया गया है। इतना ही नहीं इनके द्वारा महिलाओं के पैसे को गलत तरीके से निकासी करने और उन्हें न तो पास बुक दी गई न ही पैसे की निकासी की कोई इंट्री पासबुक पर दर्ज कराया गया है । इसको प्रमुख मुद्दा बना रहे है। माना जा रहा है अधिकतर वोटर इसके काम से नाराज है और इस बार अपना मत विजय कुमार को देने वाले है। वही विजय कुमार के संबंध में बताया जा रहा है कि इनकी छवि साफ सुथरी है जो मिलनसार होने के साथ लोगो के मददगार भी रहे है। इतना ही नहीं इनके संबंध में ये बाते आम है कि इन्हें वोटरों ने ही अपना उम्मीदवार तय किया है । दावा यह भी है कि इस वार इनके टक्कर में कोई उमीदवार नहीं है।
विपक्ष का यह भी आरोप है कि प्रमोद सहनी एक बार फिर जाती कार्ड खेलकर विजय कुमार के खिलाफ बरगला रहे है ,जिसका जवाब वोटर जाती धर्म से ऊपर उठकर अपना मतदान विजय कुमार के पक्ष में बोट देकर करेंगे। बताते चले कि इस पैक्स में कुल 21 सौ मतदाता है जो इस चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। चुनाव की तारीख जैसे जैसे नजदीक आता जा रहा है वैसे वैसे उम्मीदवार अपने समर्थकों के साथ चुनाव प्रचार में रात दिन जुटे हुए है। विजय कुमार के समर्थक मतदाताओं के घर घर जाकर भ्रष्टाचार और जाती बंधन से ऊपर उठकर मतदान करने की अपील कर रहे है।
उम्मीदवार मतदाता करने वाले है देकर एक खड़ा किया है जिसके ने भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे हुए है चले कि विजय की जैसे जैसे पैक्स चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है वैसे वैसे पैक्स अध्यक्ष के उम्मीदवार अपनी जीत के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है। इस संबंध में विजय कुमार के समर्थक पूर्व पैक्स अध्यक्ष और मुखिया सुरेंद्र सहनी ने चुनाव होने से पहले ही विजय कुमार के जीत की घोषण कर इस सीट को और भी दिलचस्प बना दिया है। इस संबंध में न्यूज फॉर नेशन से खास बातचीत में सुरेंद्र सहनी ने बताया कि यह चुनाव आवाम लड़ रही है।
पूर्व के पैक्स अध्यक्ष द्वारा किसानों के बीच पंद्रह वर्षों से खाद का वितरण नहीं किया गया । इनका आरोप है कि इनके कार्यकाल में गरीब महिलाओं को ग्रुप लॉन नहीं दिया इतना ही नहीं गरीब महिलाओं के नाम पर लाखो रुपया उठाया गया पर महिलाओं को पास बुक तक उपलब्ध नहीं कराया न ही पासबुक में इंट्री कराया गया। इस लिए इस कुव्यवस्था और भ्रष्टाचार के खिलाफ यहां की आवाम ने विजय कुमार को उम्मीदवार बनाया है। सुरेंद्र कुमार का दावा है कि विजय कुमार के टक्कर में कोई नहीं है। भ्रष्टाचार को दबाने के प्रमोद सहनी के द्वारा जाती का कार्ड बाद का मुहिम चलाया गया है । एक सवाल के जवाब में सुरेंद्र सहनी ने कहा कि किसी को पद इसलिए दिया जाता है कि वो काम करें । जनता ने काम करने के लिए पद दिया है अगर काम नहीं कीजियेगा तो जनता का अधिकार है वो आपको नहीं चुने। सवाल है यह भी है कि जनता उन्हें क्यों चुने, भ्रष्टाचार, घोटाला के लिए। विजय कुमार जिनका चुनाव चिन्ह किताब छाप है वो एक स्वक्ष छवि के लोग है। जिनका समाज में एक अच्छा चरित्र माना जाता है जनता उनको अपना उम्मीद चुनेगी। साथ ही इनके साथ कार्यकारणी के ग्यारह सदस्य भी चुनाव जीतेंगे। यह किस जाती के है इससे कोई बासता नहीं है। प्रमोद सहनी के द्वारा घूम घूम कर जाती बाद का नारा देकर भ्रम फैलाया जा रहा है पर इस वार विजय कुमार जिनका चुनाव चिन्ह किताब छाप है उनके पक्ष में मतदान करने और जाती बाद के नारा को दूर करने का काम समाज के बुद्धिजीवी और जनप्रतिनिधि के द्वारा किया जा रहा है। विभिन्न जाती और तबका के लोग विजय कुमार के साथ है।
वही इस संबंध में पूर्व सरपंच महेश्वर पासवान का कहना है कि विजय कुमार एक सुलझे हुए नेक इन्सान है इसलिए हम इनका समर्थन कर रहे है। बताते चले कि तीन दिसंबर को होने वाले इस चुनाव में किसकी जीत और किसकी हार होगी यह भविष्य के गर्त में छिपा है पर जिस तरह चांदपुर हॉट सीट पर आरोप प्रत्यारोप के बीच जीत की उम्मीद लगाए बैठे उम्मीदवारों के दावे यह मुकाबला दिलचस्प बन गया है।
रिपोर्ट- अजय शास्त्री