Sharda Sinha Ki Yaaden: छठ का पर्व हो और शारदा सिन्हा का गीत ना हो तो कहीं न कहीं छठ अधूरा लगता है। अब स्वर कोकिला पद्म भूषण से सम्मानित महान गायिका शारदा सिन्हा हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके गीत रिकॉर्डिंग के माध्यम से आज भी छठ घाटों पर प्रसारित हो रहे हैं। बीती रात लंबी बीमारी के बाद शारदा सिन्हा का दिल्ली एम्स में निधन हो गया। उनके निधन के समाचार मिलते ही उनके ससुराल बेगूसराय जिला स्थित सीहमा गांव में शोक की लहर दौड़ गई ।
शारदा सिन्हा बिहार ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने गीत के माध्यम से लोगों के बीच मौजूद थीं और सदा रहेंगीं। लेकिन आज उनकी कमी पूरे जिले वासियों को खल रही है । शारदा के ससुराल के लोग उन्हें छठी मैया की बेटी के रूप में भी संबोधित करते थे. उनके ससुराल बेगूसराय जिला सीहमा गांव में लोग काफी शोकाकुल हैं तथा अपने-अपने ढंग से शोक संवेदना व्यक्त कर रहे हैं ।
लोगों ने बताया कि शारदा सिन्हा का अपने ससुराल से काफी लगाव था और वह प्रत्येक वर्ष अपने ससुराल सीहमा आती थी तथा यहां के लोगों को काफी मदद भी करती थी। आज उनकी कमी खल रही है तथा उनकी कमी कभी पूरी भी नहीं हो सकती। लेकिन अपने स्वर के माध्यम से वह लोगों के बीच सदैव जीवंत रहेगी। लोगों ने बताया कि कल सुबह से ही उनके मृत्यु की भ्रामक खबर आ रही थी लेकिन बीते रात 9:30 बजे के आसपास जब उनकी मौत हुई और यह खबर उनके ससुराल सीहमा गांव पहुंची तो लोग भावुक हो गए।
रिपोर्ट- अजय शास्त्री