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बेतिया राज की जमीन, बिहार सरकार का सेटलमेंट प्लान, जानें कैसा रहने वाला है नियम?

बेतिया राज की जमीन पर सेटलमेंट प्लान से गरीब और बेसहारा लोगों को राहत मिलेगी। सरकार का यह कदम सामाजिक न्याय और अवैध कब्जों को खत्म करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

बेतिया राज की जमीन, बिहार सरकार का सेटलमेंट प्लान, जानें कैसा रहने वाला है नियम?
बेतिया राज की जमीन को लेकर प्लान तैयार!- फोटो : social media

Bihar bettiah raj land: बिहार सरकार ने बेतिया राज की 15,500 एकड़ जमीन अपने अधीन ले ली है और इस पर बसे लोगों के लिए सेटलमेंट प्लान लाने की घोषणा की है। यह योजना गरीबों को जमीन का मालिकाना हक देने और अवैध कब्जों को हटाने के लिए तैयार की गई है।

सेटलमेंट प्लान की मुख्य बातें

लंबे समय से बसे लोगों से उनके कब्जे वाले क्षेत्र के अनुसार जुर्माना वसूला जाएगा।

पहले साल बाजार मूल्य का 10%।

हर साल 5% की दर से राशि।

जुर्माना चुकाने के बाद जमीन का मालिकाना हक मिलेगा।

गरीबों को मुफ्त जमीन

झोपड़ी बनाकर रहने वाले गरीबों को 3 डिसमिल जमीन मुफ्त में दी जाएगी। उन्हें बासगीत पर्चा जारी किया जाएगा। गरीबों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा।

अवैध कब्जों पर कार्रवाई

घर या झोपड़ी बनाकर रहने वालों को परेशान नहीं किया जाएगा।

लेकिन व्यावसायिक गतिविधियों, प्लॉटिंग, और बाजार लगाने वाले माफिया पर कार्रवाई होगी।

जुर्माना उनके कब्जे और उपयोग के समय के अनुसार तय होगा।

जल्द होगा समाधान

जमीन विवादों और अतिक्रमण के निपटारे के लिए अधिसूचना जल्द जारी होगी।

सभी मामलों का निपटारा 90 दिनों के अंदर किया जाएगा।

छह जिलों (पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सारण, सीवान और पटना) में ADM रैंक के विशेष अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।

उत्तर प्रदेश में बेतिया राज की जमीन

500 एकड़ जमीन

मिर्जापुर, गोरखपुर, वाराणसी, और अन्य शहरों में बेतिया राज की 500 एकड़ जमीन है। वाराणसी में बाबा विश्वनाथ मंदिर के पास।

गोरखपुर में कलेक्ट्रेट और सरकारी दफ्तर। यूपी में जमीनों के लिए अलग नीति बनाई जाएगी।

लाभ और चुनौतियां

गरीबों को मुफ्त जमीन से सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा।

वर्षों से विवादित जमीनों का कानूनी निपटारा।

सरकारी जमीन पर व्यावसायिक माफिया का नियंत्रण खत्म।

 माफिया के खिलाफ कार्रवाई में विरोध और कानूनी अड़चनें।

90 दिनों में विवादों का समाधान एक कठिन कार्य।

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